हिमाचल में मर्ज होंगे घाटे वाले बोर्ड-निगम, सीएम के निर्देश पर मुख्य सचिव ने विभागों से मांगी रिपोर्ट

*एक्साइज, उद्योग और परिवहन विभाग कमाई बढ़ाएंगे*

*कृषि और बागबानी विभाग अपनी योजनाएं करेंगे मर्ज*

*वानिकी विवि को सेंट्रल* *यूनिवर्सिटी बनाने पर काम शुरू*

*मुख्य सचिव ने सचिवालय में अफसरों संग की बड़ी बैठक*

हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार घाटा कम करने और कमाई बढ़ाने के लिए कड़े फैसले लेने जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने मंगलवार सुबह सचिवालय में प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और जिलाधीशों के साथ एक बड़ी बैठक की। इस बैठक में प्रशासन सचिवों को कहा गया है कि सरकार घाटे वाले बोर्ड-निगमों को मर्ज करना चाहती है, इसलिए जिस विभाग के तहत कोई भी बोर्ड या निगम है, वह इनके मर्जर को लेकर रिपोर्ट पेश करे। वर्तमान में राज्य सरकार के सभी विभागों में करीब 22 बोर्ड या निगम हैं और इनमें नियुक्त कर्मचारियों की संख्या 40 हजार से ज्यादा है। इन बोर्ड-निगमों में से 70 फीसदी से ज्यादा घाटे के हैं। बागबानी विभाग को कहा गया है कि एचपीएमसी के साथ एग्रो इंडस्ट्रीज और अन्य निगमों को समेटा जाए। इसी तरह उद्योग विभाग को एचपीएसआईडीसी, जीआईसी और फायनांशियल कॉरपोरेशन जैसे निगमों को एक करना है। अन्य महकमों को भी यही कहा गया है।
बागबानी विभाग से इस संभावना पर भी पूछा गया है कि वानिकी विश्वविद्यालय सोलन को सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कन्वर्ट किया जा सकता है कि नहीं? इससे पहले आयुर्वेद विभाग के तहत पपरोला आयुर्वेदिक कालेज को ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ आयुर्वेदा बनाने के लिए भी प्रस्ताव चल रहा है। मुख्य सचिव ने इस बैठक में तीन विभागों को अपनी कमाई यानी राजस्व बढ़ाने को कहा है। इनमें एक्साइज एंड टैक्सेशन, इंडस्ट्रीज और ट्रांसपोर्ट विभाग शामिल हैं। आबकारी विभाग कर बढ़ाने के लिए क्या स्टेप लेगा, यह बजट के साथ आने वाली एक्साइज पॉलिसी में साफ हो पाएगा। उद्योग विभाग को भी माइन्स एंड मिनरल्स में अपना राजस्व बढ़ाने के लिए रिपोर्ट देने को कहा गया है। ट्रांसपोर्ट विभाग भी गाडिय़ों की रजिस्ट्रेशन महंगी कर सकता है। कृषि और बागबानी विभाग को अपनी बहुत सी योजनाएं समेटकर इक_ा करने को कहा गया है। इन योजनाओं में किसानों और बागबानों को दिए जाने वाले लाभ एक से हैं या फिर फंडिंग एजेंसी एक है।
सरकार अनावश्यक खर्च कम करना चाहती है और अपना राजस्व बढ़ाने की संभावनाओं को परखा जा रहा है। संबंधित विभागों को लक्ष्य दे दिए गए है – प्रबोध सक्सेना, मुख्य सचिव
ब्यूरोक्रेट्स से दो कदम आगे चल रहे सीएम सुक्खू
राज्य में नई सरकार बनने के बाद अचानक यह बदलाव इसलिए आया है, क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकारी अफसरों से भी दो कदम आगे चल रहे हैं। वह विभागीय समीक्षा बैठकों में ऐसे आइडियाज रखते हैं कि विभाग के अधिकारी भी पुरानी स्कीमें भूल जाते हैं। समीक्षा बैठकों में कुछ बिंदु सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इन मामलों का रिव्यू करने को कहा था। अब प्रशासनिक सचिवों और निदेशकों से इस बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। सरकार अगला कदम इसके बाद उठाएगी।

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