हनुमान जयंती या जन्मोत्सव? जानिए दोनों में क्या है अंतर!

Hanuman Jayanti: इस बार 6 अप्रैल 2023 को हनुमान जन्मोत्सव मनाई जा रही है बहुत से लोग इसे हनुमान जयंती भी कह रहे हैं, जो ग़लत है

हालांकि जयंती और जन्मोत्सव दोनों में अत्यधिक अंतर है और इन्हें सही तरह से ही उपयोग लेना चाहिए। आइए जानते हैं कि जयंती और जन्मोत्सव में क्या मुख्य अंतर है।

डिक्सशनरी और व्याकरण के अनुसार दोनों ही शब्द जन्मदिवस के लिए प्रयोग किए जाते हैं। परन्तु जयंती और जन्मोत्सव में सबसे बड़ा अंतर है कि एक मृत व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है और दूसरा जीवित के लिए। अर्थात् जो लोग मर चुके हैं, उनके जन्मदिवस को जयंती कहा जाता है। इसी प्रकार जो लोग जीवित है, उनके बर्थडे को जन्मोत्सव कहा जाता है। इस प्रकार दोनों ही शब्द पूरी तरह से अलग-अलग हैं।

देवी-देवताओं का जन्मोत्सव होता है, जयंती नहीं
भारतीय शास्त्रों के अनुसार देवी-देवता अमर माने गए हैं। संसार की समाप्त होने पर वे परमशिव तत्व में लीन हो जाते हैं। ऐसे में उनके जन्मदिवस को जन्मोत्सव या प्राकट्योत्सव कहा जाता है। यदि कोई ऐसा व्यक्ति है जो अब इस जीवित नहीं है तो उसके जन्मदिन को जयंती कहा जाएगा, उदाहरण के लिए महात्मा गांधी जयंती, रविन्द्र नाथ टैगोर जयंती आदि।

अष्ट चिरंजीवियों में एक है बजरंग बली (Hanuman Jayanti)

ज्योतिषाचार्य के अनुसार हनुमानजी को अष्ट चिरंजीवियों में एक माना गया है। अष्ट चिरंजीवियों के नाम क्रमश: (1) अश्वथामा, (2) दैत्यराज बलि, (3) वेद व्यास, (4) हनुमान, (5) विभीषण, (6) कृपाचार्य, (7) परशुराम और (8) मार्कण्डेय ऋषि हैं। माना जाता है कि जब तक सृष्टि का अस्तित्व रहेगा, तब तक ये सभी लोग भी जीवित और युवा रहेंगे।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। AMH न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *