विक्रमादित्य सिंह “रोते हुए” ने मंत्री पद से दिया “इस्तीफा”, वीरभद्र सिंह को जो रिज पर दो गज जमीन न दे पाए उनका साथ कैसा..!

बड़ा आरोप

विक्रमादित्य सिंह “रोते हुए” ने मंत्री पद से दिया “इस्तीफा”, वीरभद्र सिंह को जो रिज पर दो गज जमीन न दे पाए उनका साथ कैसा..!

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार कांग्रेस की थी हमने पूरा प्रयास किया की काम करें लेकिन मुझे ह्यूमिलेट किया गया। उदघाटन करने पर भी नोटिस दिए गए। लेकिन हम डीबीएनई वाले नहीं। अपनी लक्ष्मण रेखा जानता हूं और किसे सम्मान देना है पता है। हमने की का समर्थन और गलतंका विरोध किया है।

अगर हमारी आवाज या अस्तित्व को दबाने या मिटाने का प्रयास करेगा तो टॉलरेट नहीं करूंगा।

बीते दो दिन में जो हुआ हमने पार्टी हाई कमान को अवगत्नकर्व दिया हैं ।जनभावना से पार्टी को बता दिया है। अब जो वो करे।

दुःख और भारी मन के साथ बता रहा हूं कि जिसके नाम पर जनता ने वोट दिया, उसे दो गज जमीन भी नहीं मिली।

रुआंसे होकर कहा कि दो गज जमीन मूर्ति लगाने के लिए रिज पर नहीं मिली। हम इमोशनल लोग हैं पद से लेना देना नहीं। हमें रिगार्ड नहीं मिला। भावनात्मक रूप से बहुत दुःखी हूं। पार्टी हाईकमान को बताया लेकिन ये नहीं हुआ।

पुत्र के रूप में मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। पार्टी संज्ञान ले। आज इतना कहा कि पार्टी का हर तरह से साथ दिया कल भी पार्टी के आदेश को माना। विश्वास बरकरार रखा। आगे भी लक्ष्मण रेखा से बाहर नहीं निकलूंगा।

वर्तमान परिस्थिति में मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं। इसलिए मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं।

अपने लोगों से बात कर विचार कर कोर्स ऑफ एक्शन तय होगा।