मुफ्त में मिलने वाली वर्दी के देने पड़ रहे है 1400 रुपए गरीबों पर बोझ डाल रही है सुखु सरकार

निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए वर्दी का रंग बदलने की व्यवस्था अब अभिभावकों की जेब पर भारी पड़ने लगा है।
एक विद्यार्थी के लिए वर्दी की खरीद पर उन्हें 1200 से लेकर 1400 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं, जबकि सरकार की ओर से महज छह सौ रुपये की राशि दी जा रही है।

सामान्य श्रेणी के विद्यार्थी छह सौ रुपये की राशि से भी वंचित हैं। अन्य श्रेणियों के विद्यार्थियों को यह राशि आगामी समय में प्रदेश सरकार देगी। वर्दी की खरीद अभिभावकों की जेबों पर डाका डालने के समान हो गईं है अभिभावकों का कहना है कि सरकार ने अलग-अलग रंग सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए दिए हैं। अगर सरकार ही वर्दी उपलब्ध करवाती तो उन्हें काफी राहत मिलनी थी। अब मात्र छह सौ रुपये की राशि देकर सरकार ने उन पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। अभिभावकों का कहना है कि एक पेंट ही चार सौ से सात सौ रुपये के बीच मिल रही है। अन्य सामान डालकर उन्हें हजारों की राशि खर्चनी पड़ रही है।
सरकार ने जो यह फैसला लिया है, वह सही नहीं है। आज के समय में छह सौ रुपये में पूरी वर्दी बाजार में मिलना असंभव है। सरकार को ही पहले की तरह वर्दी उपलब्ध करवानी चाहिए।
सरकार ने निजी की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में अलग-अलग रंग की वर्दी शुरू करने के प्रयास तो किए हैं, मगर एक तरफ से अभिभावकों की जेबों पर यह डाका है। अतिरिक्त राशि खर्चनी पड़ रही है।