मंत्रियों के पोर्टफोलियो तय, CPS पर बड़ा कदम, मुख्य संसदीय सचिवों के लिए रूल्स ऑफ बिजनेस बदलेगी सरकार

*भाजपा की चुनौती से निपटने को मुख्य संसदीय सचिवों के लिए रूल्स ऑफ बिजनेस बदलेगी सुक्खू सरकार*

*मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बाद उनके कई नए मंत्री दिल्ली पहुंच गए हैं। हर्षवर्धन सिंह चौहान, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और जगत सिंह नेगी इत्यादि मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली में हैं।*

हाईकमान से चर्चा के बाद नए मंत्रियों के पोर्टफोलियो तय हो गए हैं। यही वजह है कि राज्य सरकार ने पहली कैबिनेट की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्य सचिव इन दिनों पहली कैबिनेट के एजेंडे पर ही काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मंगलवार को नई दिल्ली से शिमला लौट आएंगे। वह नए मुख्य संसदीय सचिवों के लिए सरकार के दायरे में बड़ा बदलाव करना चाहते हैं। इसके लिए राज्य सरकार के रूल्स ऑफ बिजनेस में भी बदलाव किया जा सकता है। हालांकि इसे पहले लीगल स्क्रूटनी से गुजरना होगा। अन्य राज्यों में बहुत सारे न्यायालय मुख्य संसदीय सचिवों को लेकर अलग-अलग आदेश दे चुके हैं और हिमाचल में भी एक बार मुख्य संसदीय सचिवों को हाई कोर्ट ने हटा दिया था। दूसरी तरफ भाजपा ने अब साफ कर दिया है कि सीपीएस की नियुक्ति को वह कोर्ट में चुनौती देगी।
ऐसे में रूल्स ऑफ बिजनेस में बदलाव करना भी एक चुनौती है और इसे कोर्ट में डिफेंड करना दूसरी। कैबिनेट मंत्रियों की शपथ के दिन मुख्यमंत्री ने कहा था कि सारा काम मंत्री या मुख्यमंत्री ही नहीं देख सकता, इसलिए मुख्य संसदीय सचिवों को भी काम देंगे। वह अपने कार्यालय में भी एक या दो मुख्य संसदीय सचिव अटैच कर सकते हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार मुख्य संसदीय सचिव के पद को भविष्य के मंत्री की ट्रेनिंग के तौर पर देख रही है। हालांकि कांग्रेस को लग रहा था कि विधायक के इंस्टिट्यूशन के तौर पर भाजपा इन नियुक्तियों से कोर्ट तक नहीं ले जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोर्ट ने अलग-अलग आदेशों में मुख्य संसदीय सचिवों की फाइल तक डील करने पर रोक लगा रखी है। ऐसे में रूल्स ऑफ बिजनेस में बदलाव के बाद ही कोई रास्ता निकलेगा।
कांगड़ा की नाराजगी जल्द दूर करेंगे मुख्यमंत्री
दिल्ली में हाईकमान के साथ चल रही चर्चा में मंत्रिमंडल में खाली रहे तीन पदों को लेकर भी बात हो रही है। कैबिनेट के पहले विस्तार में सात मंत्री बनाए गए थे और इसके बाद जो कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में प्रतिक्रिया हुई है, उसे देखते हुए अगला विस्तार भी जल्द हो सकता है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र को विधानसभा अध्यक्ष के बाद सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार के रूप में मिला है। पहले चर्चा थी कि मुख्यमंत्री बजट से पहले या अगले लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार करेंगे।

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