पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड सलाखों के पीछे

हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल लिखित परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी को बड़ी सफलता मिली है। एसआईटी ने पेपर लीक मामले के एक और मास्टरमाइंड समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मंडी पुलिस की टीम ने इन आरोपियों को पकड़ा है। इन्हें प्रश्नपत्र लीक करने का प्राथमिक स्रोत बताया जा रहा है। इनकी मिलीभगत से प्रिंटिंग प्रेस से प्रश्नपत्र लीक किया गया था। बिहार का अरविंद कुमार व भरत यादव इस पूरे षडयंत्र के मास्टरमाइंड थे। इसके अलावा बिहार के ही सुधीर यादव पुत्र कारू यादव, गोले लाल यादव पुत्र द्वारका प्रसाद, गौतम कुमार भारती पुत्र वरिंद्र प्रसाद और सुबोध कुमार पुत्र चुल्ली सिंह को गिरफ्तार किया गया

हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल लिखित परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी को बड़ी सफलता मिली है। एसआईटी ने पेपर लीक मामले के एक और मास्टरमाइंड समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मंडी पुलिस की टीम ने इन आरोपियों को पकड़ा है। इन्हें प्रश्नपत्र लीक करने का प्राथमिक स्रोत बताया जा रहा है। इनकी मिलीभगत से प्रिंटिंग प्रेस से प्रश्नपत्र लीक किया गया था। बिहार का अरविंद कुमार व भरत यादव इस पूरे षडयंत्र के मास्टरमाइंड थे। इसके अलावा बिहार के ही सुधीर यादव पुत्र कारू यादव, गोले लाल यादव पुत्र द्वारका प्रसाद, गौतम कुमार भारती पुत्र वरिंद्र प्रसाद और सुबोध कुमार पुत्र चुल्ली सिंह को गिरफ्तार किया गया

है। एसआईटी के मुताबिक प्रिंटिंग प्रेस में पार्ट टाइम वर्कर सुधीर कुमार यादव ने मार्च में हिमाचल पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक किया था। इसके बाद पश्नपत्र को गोरे लाल के माध्यम से गौतम कुमार भारती तक पहुंचाया। यह सब सुबोध कुमार, भरत यादव और अरविंद कुमार के कहने पर किया गया। वहीं, ओखला दिल्ली में तैनात निजी सुरक्षा गार्ड गोरे लाल ने प्रश्न पत्र गौतम कुमार भारती को बेचा। गौतम कुमार ने प्रश्नपत्र अपने भाई भरत यादव को दिया। सुबोध कुमार सुधीर यादव, गोरे लाल, भरत यादव व अरविंद कुमार के बीच प्रश्नपत्र पहुंचाने का माध्यम बना। एसआईटी के अनुसार बिहार का अरविंद कुमार व भरत यादव इस पूरे षडयंत्र के मास्टरमाइंड थे। इस मामले में अब तक 121 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें 85 अभ्यर्थी, तीन उम्मीदवारों के माता-पिता, 33 एजेंट(एचपी के भीतर से 18 और से बाहर से 15) शामिल हैं। एसआईटी के अनुसार इस अपराध की पूरी तस्वीर हासिल करने के लिए पहेली को सुलझाने की पूरी कोशिश की जा रही है। मामले में तीन कोचिंग सेंटर जांच के घेरे में हैं। अब तक की जांच में सामने आया है कि पेपर लीक मामले में बिहार, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल के गिरोह शामिल थे। मामले में अब तक एजेंटों से 10,34,900 रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इसके अलावा एजेंटों व आरोपियों से 6000 नेपाली मुद्रा, छह कार, 154 मोबाइल फोन, पांच लैपटॉप, एक डीवीआर, 10 हार्ड डिस्क, एक पैन ड्राइव, तीन मेमोरी कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड समेत अन्य सामान जब्त किया गया है।

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