कुंभकरण की नींद से जागा आईपीएच विभाग,

प्राय बाया तट नहर जो गिरीनगर बैराज से निकलती है नहर जो विभिन्न गांव से निकलकर अपने गंतव्य तक पहुंचती है जिसमें प्राय मरम्मत का कार्य व जर्जर स्थिति में सदैव रहती है उस नहर के द्वारा लोगों को किसानों की फसलों के लिए सिंचाई के लिए पानी का देने का विवरण स्थानीय किसानों को भेजा गया जिसमें देखा गया कि किसान लोग जिनकी मृत्यु लगभग 15 से 16 वर्ष पहले हो चुकी है या जिन खेतों में आज से 30 या 35 वर्षों तक कभी पानी ही नहीं लगा किसानों को भी पानी के बिल के लिए नोटिस भेज दिए गए हैं स्थानीय किसानों का कहना है कि मौजा कोटड़ी के अंतर्गत आज तक लगभग 30 वर्षों तक कभी भी पानी नहीं लगा और ना ही पानी देने के लिए किसी भी छोटी कुल या पाइप लाइन का कार्य हुआ है और ना ही इससे पहले कभी आईपीएच विभाग जल शक्ति विभाग यह ब्यौरा इकट्ठा करने के लिए आया कि किन खेतों में पानी लगता है या नहीं लगता सिर्फ दफ्तरों में बैठकर वह एक जगह पर बैठकर कागजों की खानापूर्ति की जाती है जब इस के संदर्भ में स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान ग्राम पंचायत ब्यास श्री सुरेश कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने किसानों की बात को सच बताते हुए कहा है कि स्वयं हमारे खेतों में भी आज से 30 वर्ष पहले या मैंने अपनी पूरी आयु में आज तक अपने खेतों में कभी नहीं पानी अपने खेतों में सिंचाई के लिए नहरी पानी का इस्तेमाल करते हुए अपने बुजुर्गों को नहीं देखा यह बात बिल्कुल सच है और उन्होंने कहा कि हम विभाग से और सरकार से प्रार्थना करते हैं कि इस तरह के सरकारी नोटिस भेज कर गरीब बेबस किसानों को मानसिक तौर पर पीड़ित ना किया किया जाए वह आला अधिकारी और कर्मचारियों से निवेदन है कि वह ग्रामीण स्तर पर जनप्रतिनिधियों व स्थानीय किसानों के साथ मिलकर एक सुयोग्य सिंचाई के संबंधित व्यवस्थाओं का फिर से पुरवा लोकन करें हम सदैव उनके आभारी रहेंगेधन्यवाद

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