घी, साबुन, कपड़े और जूते होंगे सस्ते

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केंद्र सरकार 12 फीसदी जीएसटी स्लैब को हटाकर पांच फीसदी करने की तैयारी

घी, साबुन, टूथपेस्ट, बर्तन, कपड़े और जूते जैसी आम आदमी के इस्तेमाल में आने वाली आइटम्स जल्द ही सस्ती हो सकती हैं।

इस साल की शुरुआत में इनकम टैक्स में कई रियायतें देने के बाद केंद्र सरकार अब मिडल-क्लास और लोअर-इनकम फैमिली को गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी में कटौती कर राहत देने की तैयारी कर रही है। रिपोट्र्स के मुताबिक, सरकार 12 फीसदी जीएसटी स्लैब को पूरी तरह से खत्म करने या वर्तमान में 12 फीसदी टैक्स वाले आइटम्स को पांच फीसदी स्लैब में ला सकती है।

इस बदलाव में मिडल-क्लास और इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन के यूज में आने वाले आइटम्स शामिल होंगे। इस मुद्दे पर 56वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में चर्चा होने की उम्मीद है, जो इस महीने के आखिरी में बुलाई जा सकती है। गौरतलब है कि जीएसटी के तहत दरों में बदलाव के लिए जीएसटी काउंसिल से रिकमेंडेशन की जरूरत होती है, जहां हर राज्य को मतदान का अधिकार है। अभी तक जीएसटी काउंसिल के इतिहास में सिर्फ एक बार ही मतदान हुआ है। हर फैसला आम सहमति से लिया जाता है। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार की इस कोशिश में कोई अड़चन आने वाली नहीं है।

सरकार पर पड़ेगा 50,000 करोड़ का बोझ

अगर प्रस्तावित बदलाव लागू होते हैं, तो इनमें से कई आइटम्स सस्ते हो जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, इस कदम से सरकार पर 40,000 करोड़ रुपए से 50,000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा, लेकिन वह शुरुआती असर को झेलने के लिए तैयार है। इससे खपत में बढ़ोतरी हो सकती है। केंद्र का मानना है कि कम कीमतों से बिक्री बढ़ेगी, जिससे टैक्स-बेस बढ़ेगा और लांग टर्म जीएसटी कलेक्शन में ग्रोथ होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हाल ही में एक इंटरव्यू में जीएसटी रेट्स में संभावित बदलावों का संकेत देते हुए कहा था कि सरकार जरूरी वस्तुओं पर मिडिल-क्लास को राहत देने पर विचार कर रही है।