डी एडिक्शन सेंटर में रोगियों का किया मानसिक मूल्यांकन नशे के दलदल में फसे युवाओं को खुशहाल जीवन देने का लक्ष्य

कोलवालाभुङ स्तिथ नशा निवारण केंद्र में श्री साई अस्पताल नाहन की मनोचिकिस्तक डॉ मैथिली शेखर द्वारा लगभग 30 रोगियों का मानसिक व व्यवहारिक मूल्यांकन के लिए कौन्सेल्लिंग की गयी। इस कौन्सेल्लिंग सेशन में प्रत्येक व्यक्ति से उसके मनोदशा को जान कर नशा छोड़ने के लिए जरुरी परामर्श दिया गया। श्री साई अस्पताल नाहन के क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ मैथिली शेखर ने बताया की जीवन ज्योति फाउंडेशन कोलवालाभूड़ रिहैबिलिटेशन सेंटर में लगभग 30 रोगी नशा छुड़ाने के लिए भर्ती हुए है। उनकी इस नशा छुड़ाने की चिकित्सा प्रक्रिया में स्वस्थ मानसिक स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण भाग है। उन्होंने बताया की इस सेंटर में हर उम्र के लोगों का नशा छुड़ाने के लिए मदद की जाती है। उनके इस सफर में मानसिक रूप से स्वस्थ होना अति महत्वपुर्ण अंश होता है। कियु की अक्सर व्यक्ति 2 -4 महीने सेंटर में रह कर बाहर निकलते ही अपनी संकल्प शक्ति खो बैठता हैजिस कारन वो दुबारा नशे की लत में पड़ जाता है, कियु की वह मानसिक तौर पर नशा छोड़ने के लिए तैयार नहीं रहते। इसी के चलते वो फिर से नशे के दलदल में फस जाते है।
ऐसे में रोगी को मानसिक तौर पर बेहद मजबूत होना पड़ता है। डॉ मैथिली हर माह केंद्र के रोगियों की व्यवहारिक कौन्सेल्लिंग करने जाती है। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को अकेले मिल के उसके विचारों , परिस्थियों एवं पिछले वातावरण का मूल्याँकन किया जाता है। कौन्सेल्लिंग के माध्यम से व्यक्ति के नकारात्मक विचारों का डेटोक्सिफिकेशन किया जाता है , ताकि रोगी जीवन की अच्छाइयों के प्रति अपना दृष्टिकोण बदल सके। उन्होंने ने समाज से अपील की कि नशा छोड़ने के लिए त्यार व्यक्ति को काफी लम्बा समय लग जाता है जिसमें उसे एक सपोर्ट ग्रुप की बेहद जरुरत रहती है। तो हमे बतौर चिकित्सक ,परिवार या दोस्त के नाते रोगी को सही मार्गदर्शन कर उसके दृढ़ संकल्प को मजबूत करना चाहिए ताकि व्यक्ति दुबारा नशे के चलगुल में फंस ना सके।
जीवन ज्योति फाउंडेशन के डाडिक्शन एवं रिहैबिलिटेशन सेंटर , कोलवालाभुङ के संयोजक जसप्रीत सिंह ने बताया की हमारे केंद्र में हर उम्र वर्ग के पुरुष रोगी नशा छुड़ाने के लिए आते है। जो की पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और जम्मू कश्मीर से है जिन्हें लगभग ३ से ६ महीने के लिए केंद्र में रखा जाता है। इन रोगियों के उपचार के लिए सभी का समय समय पर मेडिकल चेकअप करवाया जाता है , साथ में योगा , एक्ससरसीज़े, मैडिटेशन के माध्यम से रोगी के इस नशा छोड़ने के सफर में मदद की जाती है। यहाँ 15 से 55 साल के रोगियों का इलाज किया जा रहा है। श्री साई अस्पताल , नाहन से मनोचिकित्सक डॉ मैथिली शेखर हर महीने एक विजिट पर आती है और रोगियों के मानसिक स्वस्थ का मूल्यांकन कर उनकी कौन्सेल्लिंग के माध्यम से उन्हें मानसीक तौर से नशा छुड़ाने के लिए मजबूत करती है। पिछले तीन महीने से मैथिली शेखर दवारा लगभग 100 रोगियों की कॉउन्सिलिंग की जा चुकी है। काफी लोग तो ठीक हो कर वापिस अपने परिवारों के साथ खुशहाल जीवन यापन कर रहे है। श्री साई अस्पताल के मानसिक रोग विभाग द्वारा हमें अपने लक्ष्य की प्रति के लिय बहुत सहयोग मिला। कौन्सेल्लिंग के माध्यम से रोगी जल्द स्वस्थ होता है। इस लिए हम अस्पताल प्रसाशन एवं मनोचिकित्सक मैथिली शेखर का आभार व्यक्त करते है। जसप्रीत सिंह ने कहा की नशा छुड़ाने का सफर आसान नहीं होता। इस सफर में व्यक्ति को हर क्षेत्र से सकारात्मक सहयोग की आवशयकता होती है। सभी को मिल कर व्यक्ति की नशे की लत को छोड़ने में मदद करनी चाहिए।

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