पुलिस स्टेशन में गुहार लगाने के बाद भी नही आई मदद के लिए पुलिस चश्मदीदों ने खोली पुलिस और अस्पताल प्रशासन की पोल

चश्मदीदों ने खोली पुलिस और अस्पताल प्रशासन की पोल…
वीडियो बनाते रहे दर्द से तड़पतेघायल युवको की लेकिन नही की किसी ने मदद क्या आखिर इंसानियत मर चुकी है इसका अंदाजा आप इस घटना से लगा सकते है अगर समय से इलाज हो जाता तो बच सकती थी युवक की जान चश्मदीदों ने बताया वह पुलिस स्टेशन होंडा में भी मदद के लिए गए लेकिन पुलिस स्टेशन से कोई भी पुलिसवाला मदद के लिए नहीं आया और भी एक दूसरे के ऊपर थोकते रहे जिसके बाद व हॉस्पिटल भी गए वहा से भी उनको 108 को कॉल करने को कहा गया

पांवटा पुलिस स्टेशन से महज 100 मीटर की दूरी पर मुख्य बाजार में आधे घंटे तक दुर्घटना में घायल दो युवा तड़पते रहे बुलाने के बावजूद न तो अस्पताल से कोई आया और ना ही पुलिस स्टेशन से कोई सुध लेने के लिए पहुंचा।

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बता दें कि दुर्घटना शुक्रवार रात 11:00 बजे मुख्य बाजार की है जब एक लोहे की शटरिंग से बाइक टकरा गई जिसमें एक युवक की समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है।

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वही चश्मदीदों ने इस असंवेदनशीलता की सच्चाई सामने लाकर रख दी। दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंचे अविनाश निवासी वार्ड नंबर 13 ने बताया कि जब दुर्घटना पर वह और उसके तीन दोस्त पहुंचे तो तमाशबीन लोगों से घायलों को अस्पताल पहुंचाने की गुहार लगाई लेकिन बाजार से कोई भी सामने नहीं आया जिसके बाद हम दो दोस्त अस्पताल गए वहां हमने सिक्योरिटी गार्ड और अन्य स्टाफ से इस एक्सीडेंट के बारे में बताया और तुरंत कोई एंबुलेंस भेजने की गुहार लगाई लेकिन वहां से भी किसी ने कोई मदद नहीं की और 108 पर फोन करने की बात कही वहीं दूसरी ओर हमारे दो मित्र पुलिस स्टेशन भी गए थे जो कि दुर्घटना के बिल्कुल सामने था वहां पर बैठे मुंशी ने कहा कि आप 108 को फोन कीजिए उसके बाद हम आएंगे।

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अविनाश ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में लगभग आधा घंटा लग गया अगर समय रहते अस्पताल से या पुलिस से मदद मिल जाती तो युवक की जान बचाई जा सकती थी।

वही सवाल यह उठता है कि महज 100 मीटर की दूरी पर ना तो पुलिस स्टेशन से कोई मदद के लिए आया और ना ही अस्पताल से किसी ने जिम्मेदारी निभाई और एक युवक ने दम तोड़ दिया।

समाज में इस बात से संदेश जाता है कि आज की इस ऑनलाइन की दुनिया में केवल ऑनलाइन ही मित्र मिलते हैं अगर सड़क पर आप दुर्घटना में घायल है तो कोई आपकी मदद को आगे नहीं आएगा असंवेदनशीलता की सारी हदें लोग पार कर जाते हैं।

वही आपको बता दें कि सड़क दुर्घटना में अगर कोई घायल हो जाए तो उसे अस्पताल पहुंचाना सभी की जिम्मेदारी होती है सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अगर कोई सड़क दुर्घटना में किसी की मदद करता है तो पुलिस जबरन उसका न तो बयान दर्ज नहीं कर सकती और ना ही गवाह बना सकती है।

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