एमर्जेंसी में जेल गए नेताओं पर आज तपेगा सदन, विधानसभा में आएगा लोकतंत्र प्रहरी सम्मान अधिनियम हटाने का विधेयक

विधानसभा का सत्र भले ही ब्रेक के बाद शुरू हो रहा है मगर सदन में नोंकझोंक पहले ही तरह बरकरार रहेगी।*

*सोमवार को विधानसभा का सत्र दो बजे से शुरू होगा और इस सत्र में सबसे बड़ी चर्चा लोकतंत्र प्रहरी सम्मान अधिनियम 2021 पर होने की संभावना है।*

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस अधिनियम को निरसन (हटाने) के लिए चर्चा में लाएंगे। वे इस दौरान निरसन विधेयक 2023 का सांख्याक छह लाएंगे और सत्ता पक्ष इस विधेयक को पारित करवाएगा। ऐसे में इस विधेयक पर विपक्ष के हंगामे के पूरे आसार बने हुए हैं। गौरतलब है कि पूर्व में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर लोकतंत्र प्रहरी विधेयक को निरसन करने पर ध्यान आकर्षण प्रस्ताव पहले भी ला चुके हैं। हालांकि उस प्रस्ताव के दौरान मुख्यमंत्री ने जवाब में यह जरूर कहा था कि जब विधेयक को चर्चा में लाया जाएगा तो वे इसका जवाब देंगे। अब ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का जवाब भी सोमवार को सबसे अहम रहने वाला है।

पूर्व सरकार ने लोकतंत्र प्रहरी विधेयक में एमर्जेंसी के दौरान जेल गए नेताओं और उनके परिजनों के लिए पेंशन का प्रावधान किया था। अब मौजूदा सरकार इस विधेयक को हटाने जा रही है। जबकि विपक्ष इसका खुलकर विरोध कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी इस विषय पर राज्य सरकार से नाराजगी जता चुके हैं। विधानसभा में सोमवार को दो अन्य मामले खास चर्चा में रहने वाले हैं। इनमें विधायक सतपाल सिंह सत्ती विशेष ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पर कंडाघाट में बन रही सुरंग के एलाइनमेंट को बदलने पर वक्तव्य देंगे। इस सुंरग की एलाइनमेंट बदलने की वजह से होने वाले अतिरिक्त खर्च को लेकर भी सरकार से सवाल-जवाब किया जाएगा, जबकि विधायक राजेंद्र राणा और चंद्रशेखर निजी विश्वविद्यालय में हो रहे फर्जी डिग्री मामले और सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के संचालन और शिक्षक भर्ती में अनियमितताओं को लेकर सदन का ध्यान आकर्षिक करेंगे। इसके साथ ही प्रश्नकाल के दौरान अलग-अलग विषयों पर पूछे गए सवालों का जवाब भी सत्ता पक्ष देगा।

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