हिमाचल प्रदेश की ठाकुर जयराम सरकार तथा इसके कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर का एक बार फिर से किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हुआ है_ नॉटी


हिमाचल प्रदेश में लंपी चर्म रोग से हजारों बेजुबान दुधारू पशु ग्रस्त हैं जिनमे अधिकतर गौवंश है और अभी तक सैकड़ों बेजुबान गौवंश की मृत्यु हो चुकी है।

वहीं प्रदेश भाजपा सरकार महज लीपापोती में लगी हुई है और प्रदेश भाजपा सरकार और उसके विभागों में कोई तालमेल नहीं है जिसका स्पष्ट उदाहरण 13 अगस्त 2022 को प्रदेश के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर की एक घोषणा है जिसमें उन्होंने बताया की लंबी चर्म रोग को हिमाचल प्रदेश में महामारी घोषित कर दिया गया है इसके लिए टास्क फोर्स बनाई जाएगी और हर मृत पशु के लिए उसके पालक को 30,000 पर मुआवजा दिया जाएगा।

आज 29 अगस्त बीतने पर भी ना तो इसको आपदा घोषित किया गया ना कोई टास्क फोर्स बनी है और ना ही पूरे हिमाचल प्रदेश में एक भी पशुपालक को मुआवजा मिला है बल्कि संक्रमित पशुओं का आंकड़ा बढ़ते हुए कई गुना हो चुका है और इसमें बेसहारा लावारिस पशुधन अलग से है जिसकी कोई गिनती ही नहीं है।

सरकारी आंकड़ों से वस्तुस्थिति कई गुना गंभीर है और अब सरकार के नियंत्रण से पूरी तरह बाहर हो चुकी है।
और तो और संक्रमित पशु की मृत्यु का सर्टिफिकेट कौन जारी करेगा इस बारे में भी सरकार कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाई है। आपदा राहत राजस्व विभाग द्वारा दी जाती है लेकिन अभी तक ना राजस्व विभाग नाही पशुपालन विभाग ने धरातल पर जाकर कोई स्थिति का आकलन किया है।

आम आदमी पार्टी का स्पष्ट आरोप है कि इस मसले पर भी ठाकुर जयराम सरकार पूरी तरह सोई हुई है तथा नींद में है।

सबसे अधिक संक्रमित तथा मृत पशुओं की संख्या जिला सिरमौर में है तथा पूरे हिमाचल प्रदेश में आज दूध पैदा करने वाले किसान जहां गंभीर संकट में हैं वही बेजुबान पशुओं के बारे में सरकार की उदासीनता भी कहीं ना कहीं पशु क्रूरता कानून के अंतर्गत अपराध ही मानी जाएगी।

बेसहारा और लावारिस गोवंश जहां-तहां सड़कों पर तड़प तड़प कर जान देने को मजबूर है और सरकार तथा उसके मंत्री हवा हवाई घोषणाएं करने को ही अपने कर्तव्य की इतिश्री मान रहे हैं।

आम आदमी पार्टी ने पूरे दस्तावेज जुटाकर बड़ी गंभीरता से स्थिति का आकलन किया है। इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है की ठाकुर जयराम सरकार किसानों भगवानों के हर वर्ग को बर्बाद करने पर तुली हुई है और दुग्ध उदपादक किसान पहले से ही महंगे पशु चारे, फीड, दवाई आदि से घाटे था ऊपर से इस बीमारी ने उनको पूरी तरह उनकी कमर तोड़ कर रख दी है और प्रदेश की भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारी को निभाने में पूरी तरह विफल साबित हो गई है।

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