ईंट का जवाब पत्थर से मनीष तोमर ने मंडल अध्य्क्ष के पत्र का जवाब

टिकट मांगना सभी कार्यकर्ता का हक
पांवटा साहिब
भाजपा कार्यकर्ता मनीष तोमर ने हाल ही प्रेस वार्ता का आयोजन किया। जिसमें उन्होनें भाजपा से विधायक के लिए टिकट की दावेदारी पेश की थी। मनीष तोमर की इस प्रेस वार्ता से पांवटा भाजपा मण्डल नाराज दिखी व उन्हें भाजपा की नीति के विरूद्व कार्य करने पर नोटिस जारी किया था।
शुक्रवार को जिसका जबाब मनीष तोमर ने पत्र के माध्यम से अध्यक्ष भाजपा पांवटा साहिब को भेजा। जिसमें उन्होनें कहा कि मुझे पार्टी व संगठन से टिकट मांगने की एवज में जो आरोप लगाए हैं वो निश्चित रूप से एक व्यक्ति विशेष के लिए टिकट आवंटन के समय कोई व्यवधान पैदा न हो इसलिए उन्होनें घमंड से ओत-प्रोत भाषा का प्रयोग करते हुए यह पत्र नोटिस भेजा।

तोमर ने बताया कि भा0 ज० पा0 के संविधान के अनुसार टिकट मांगने का अधिकार प्रत्येक सामान्य से सामान्य कार्यकर्ता का होता है। वही दूसरी ओर उन्होनें अध्यक्ष भाजपा मण्डल पांवटा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका अध्यक्ष चुनाव बतौर मण्डल अध्यक्ष ही विवादास्पद व संदेहजनक रहा है। उनकी भाषाशैली व तानाशाहीपूर्ण व्यवहार आम कार्यकर्ता को पार्टी से दूर करता जा रहा है।
उन्हें भाजपा संघटन की परिभाषा का भी शायद ज्ञान नहीं है। तोमर ने आरोप लगाया कि पार्टी द्वारा चयनित मुख्यमंत्री एवं प्रांत संगठन मंत्री पवन राणा को भी अपशब्द कहकर सम्बोधन किया था। जिससे जग जाहीर हो रहा है कि अध्यक्ष भाजपा पांवटा साहिब कितने अभद्र भाषा के स्वामी है।

उन्होने बताया कि अध्यक्ष द्वारा पार्टी के सम्मानित पद पर होते हुए भी पार्टी द्वारा घोषित नगरपालिका के चुनाव में कांग्रेसी परिवार के प्रत्याशी को चुनाव में जिताने के लिए पार्टी के प्रत्याशी को हरवाने में अहम भूमिका निभाई थी। जिसकी वजह से पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। तोमर ने बताया कि निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर प्रश्नचिन्ह लगाने से पहले आप स्वयं संघठन का ज्ञान हासिल करे जो कि पार्टी व संगठन के हित में होगा। मनीष तोमर ने स्पष्टतौर पर आरोप लगया कि आप मूलतः सढौरा (हरियाणा) से विस्थापित होकर आए हैं। लोगों को ज्ञान बाटने की जगह स्वय की भाषाशैली को सुदृढ करे।

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