पांवटा साहिब
अस्पतालों में मरीजों और उनके परिजनों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अमित कुमार ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भविष्य में IGMC शिमला जैसी कोई भी घटना दोबारा न हो, इसके लिए अभी से ठोस कदम उठाए जाने जरूरी हैं।
अमित कुमार ने सभी डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ से अपील करते हुए कहा कि वे अपने व्यवहार में सुधार लाएं और ऐसी भाषा का प्रयोग न करें जिससे किसी भी मरीज या उसके परिजनों को ठेस पहुँचे। उन्होंने कहा कि कई मामलों में यह देखा गया है कि कुछ डॉक्टर और नर्सें मरीजों के साथ असंवेदनशील और अभद्र व्यवहार करती हैं, जो एक गंभीर विषय है।
उन्होंने कहा कि मरीज पहले ही शारीरिक पीड़ा और मानसिक तनाव से गुजर रहा होता है, ऐसे में अस्पताल में सम्मानजनक और मानवीय व्यवहार मिलना उसका अधिकार है। इलाज के साथ-साथ सहानुभूति और संवेदनशीलता भी स्वास्थ्य सेवाओं का अहम हिस्सा है।
अमित कुमार ने स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन से मांग की कि वे निगरानी व्यवस्था को मजबूत करें और स्टाफ को व्यवहार से जुड़े स्पष्ट दिशा-निर्देश दें, ताकि भविष्य में IGMC शिमला जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो और लोगों का स्वास्थ्य व्यवस्था पर भरोसा बना रहे।


















































