बिना इजाज़त प्रैंक और चेहरा दिखाना: गैरकानूनी और अनैतिक!

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पाँवटा साहिब में भी प्रैंक करने वाले पसार रहे अपने पैर

🔴 कानूनी पक्ष:

किसी व्यक्ति की इजाज़त के बिना उसका वीडियो बनाना और पब्लिक करना, खासकर जब वह पहचान योग्य हो (जैसे उसका चेहरा साफ़ दिख रहा हो), भारत के आईटी एक्ट, राइट टू प्राइवेसी, और कभी-कभी IPC की धारा 354D (स्टॉकिंग) जैसी धाराओं के अंतर्गत अपराध माना जा सकता है।

अगर प्रैंक से किसी की मानहानि (defamation) होती है, या मानसिक कष्ट होता है, तो पीड़ित व्यक्ति कानूनी कार्रवाई कर सकता है।

🔴 नैतिक पक्ष:

किसी को बिना बताए पब्लिक प्लेटफॉर्म पर मज़ाक बनाना, उसकी गरिमा और आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचा सकता है।

हर व्यक्ति को अपने चेहरे और पहचान पर नियंत्रण (consent) का अधिकार है।

📣 सार्वजनिक अपील: “प्रैंक करने से पहले पूछें — और पोस्ट करने से पहले सोचें।”

➡️ आपकी मस्ती किसी और के लिए हर्ज़ाना या अपमान न बन जाए।
➡️ सोशल मीडिया पर वायरल होने की होड़ में इंसानियत और कानून को न भूलें।