ओपीएस बहाली के लिए एकजुटता का परिचय देने का प्रयास करें हम सभी विधुत कर्मचारी

आज बहुत ही गंभीर और चिन्तन करने का विषय है कि जिस ओपीएस बहाली के लिए हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार ने सरकार में आते ही लागू करने का वादा किया था वह व्यवस्था परिवर्तन की नई सरकार अन्य विभागों को ओपीएस बहाल कर चुकी हैं परन्तु एक ऐसा विभाग जिसके बिना हम यूं कह सकते हैं कि आज के परिप्रेक्ष्य में बिजली के बिना कुछ भी कार्य असंभव है, उस बिधुत विभाग को प्रदेश सरकार पिछले पांच महिनों से ओपीएस लागू नहीं कर पा रही है जो बहुत ही दुखद विषय है परन्तु आज विद्युत विभाग के आर्थिकी बदहाली का यह आलग है कि बोर्ड प्रबन्धक की ग़लत नीतियों और दिशाहीन योजनाओं से दिसंबर माह का वेतन पांच दिन बाद भी नहीं मिल पा रहा है और ना ही वरिष्ठ सेवानिवृत्त साथियों को पैंशन मिल पाईं है ,जो 52 साल के इतिहास में पहली बार ऐसी परिस्थितियों का सामना बिधुत विभाग के कर्मचारियों और पेंशनरों को पैंशन समय पर नहीं मिल पा रही है साथ ही सरकार एवं बोर्ड प्रबंधन के द्वारा दिन प्रतिदिन बोर्ड को आर्थिकी बदहाली का हवाला देकर निजीकरण की ओर ले जाया जा रहा है, जिसके लागू होने से विभाग का वजूद खत्म हो जाएगा और भविष्य में कर्मचारियों पर निजी कम्पनियों द्वारा मनमर्जी का दौर शुरू हो जाएगा,आज हम सभी विधुत कर्मचारीयों और अधिकारियों को इस बात को समझने और चिन्तन करने की परम् आवश्यकता है कि जिस बदहाली में आज दूरसंचार विभाग का हश्र हुआ है जिनको निजीकरण करके सड़कों पर सिम बेचने और सेवानिवृत्त होने के लिए मजबूर कर दिया गया वहीं हाल भविष्य में हम सभी विधुत कर्मियों को भी देखने पड़ सकते हैं अगर हम आज भी और इस तरह की विपरीत परिस्थितियों में भी एकजुट होकर सरकार को ओपीएस योजना को तुरंत लागू करवाने के लिए बाध्य नहीं कर पाईं आज हम सभी साथियों का ,,एक ही मकसद एक ही नारा ओपीएस लागू हो अबकी बार हमारा,,साथ ही बोर्ड प्रबंधन के द्वारा बांटने की ग़लत नीतियों को हम सभी विधुत कर्मियों को समझने और चिन्तन करने की आवश्यकता है जहां बोर्ड प्रबंधन द्वारा कुछ कर्मचारियों को वेतन जारी किया तो वहीं पैंशनरो को पैंशन जारी नहीं की गई जिसका मकसद हम सभी साथियों के द्वारा पिछले पांच दिनों से बोर्ड प्रबंधन में कर्मचारी नेताओं द्वारा मांग रखी गई है और सरकार और बोर्ड प्रबंधन पर दबाव बनाया जा रहा है कि बोर्ड में वतर्मान अस्थाई एमडी को तुरंत हटाया जाए और एक स्थायी एमडी का चयन किया जाएं और ओपीएस योजना तत्काल प्रभाव से लागू की जाए, साथ ही आउटसोर्स कर्मियों की एक स्थाई नीति बनाई जाएं ताकि उनका भविष्य बेहतर हो सकें जो दशकों से बोर्ड में अपनी अहम सेवाएं प्रदान कर रहे हैं ओपीएस के लाभ के लिए
हम सभी कर्मचारियों ने पिछले सरकार में ओपीएस बहाली के प्रदर्शनों के दौरान लाठियां खाई थी और इसी उम्मीद और आशा के साथ की नई सरकार हमारे विभाग में भी एकसाथ ओपीएस सामाजिक योजना लागू होगी करेंगी परन्तु उच्च अधिकारियों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को पिछले पांच माह से वेवजह गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है परन्तु फिर भी हम प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय सुखविंदर सिंह सुक्खू जी से निवेदन और आग्रह करना चाहेंगे कि हमें हमारा भी हक़ और आप अपने वादे के मुताबिक हम सभी को इस योजना से अनुग्रहित करे ताकि हमारा भविष्य और बुढ़ापा भी मान सम्मान और सुखमय से कट सकें इसी परिप्रेक्ष्य में आज मैं तमाम विद्युत कर्मचारियों से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि हम सभी कर्मचारी एकजुट होकर इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए तन मन धन के साथ अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास करें ताकि बहुत जल्द हमें हमारा हक़ मिल सकें।

ठाकुर हेमराज राणा- स्वतन्त्र लेखक एवं विद्युत कर्मी सिरमौर।

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