ED Raid / ईडी की 2 दिन की रेड में नहीं मिला कोई सबूत, असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर के खिलाफ साजिश नाकाम

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झूठी शिकायत के बाद ईडी की कार्रवाई हुई खाली, नहीं मिला कोई ठोस प्रमाण
धर्मशाला में तैनात प्रदेश सरकार के असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन के ठिकानों पर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) की दो दिन चली जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। ईडी की टीम ने उनके घर और दफ्तर की गहन तलाशी ली, लेकिन ना ही कोई नकदी, ना सोना-चांदी और ना ही कोई आपत्तिजनक दस्तावेज सामने आया।

अन्य अधिकारियों और उद्योगपति के यहां भी कार्रवाई रही निष्फल
ईडी ने इस मामले में एक साथ डॉ. कमल खन्ना और उद्योगपति विनय अग्रवाल के यहां भी समानांतर कार्रवाई की, लेकिन वहां भी भ्रष्टाचार से संबंधित कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला। इससे साफ है कि यह पूरी प्रक्रिया एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी, जो न केवल अधिकारियों को बल्कि सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा सकती थी।

एक पूर्व ड्रग कंट्रोलर और काला आम के एक उद्योगपति पर साजिश का संदेह
सूत्रों की मानें तो यह पूरा षड्यंत्र एक पूर्व ड्रग कंट्रोलर और काला आम के एक कथित दवा उद्योगपति के इर्द-गिर्द घूमता है। यही वही व्यक्ति बताया जा रहा है, जिसने पूर्व में उद्योगपति विनय अग्रवाल को फर्जी डीआईजी बनाकर झूठे केस में फंसाने की साजिश की थी, जिससे उन्हें हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिल चुकी है।

निशांत सरीन ने कहा – ईमानदारी से कर रहा हूं काम, परिवार को पहुंचा मानसिक आघात
निशांत सरीन ने कहा कि दो दिन की ईडी कार्रवाई के बाद यह साबित हो गया है कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि वह अपनी जिम्मेदारियां पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा ही करते रहेंगे। हालांकि, इस कार्रवाई से उनके बुजुर्ग माता-पिता और पूरे परिवार को मानसिक आघात पहुंचा है, जिसकी भरपाई आसान नहीं।