पोषण माह पर जागरूकता शिविर का आयोजन

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पांवटा साहिब।
बाल विकास परियोजना अधिकारी पांवटा साहिब के अंतर्गत सैनवाला वृत्त के परदूनी आंगनवाड़ी केंद्र में राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर सुपरवाइजर सुनीता देवी ने उपस्थित महिलाओं व बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि कुपोषण देश के विकास में एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और छोटे बच्चों के लिए संतुलित आहार, स्वच्छता और नियमित स्वास्थ्य जांच अत्यंत आवश्यक है।

कार्यक्रम में सामाजिक संस्था “मेरा गाँव मेरा देश – एक सहारा” के निदेशक डॉ. अनुराग गुप्ता एवं अध्यक्षा पुष्पा खंडूजा विशेष रूप से उपस्थित रहे। दोनों ने मिलकर लोगों को पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा के महत्व पर जागरूक किया।

डॉ. अनुराग गुप्ता ने कहा कि –
“यदि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ और सशक्त बनाना है तो हमें गर्भावस्था से लेकर पाँच वर्ष तक बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान देना होगा। पोषण केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि मानसिक विकास के लिए भी आवश्यक है।”

पुष्पा खंडूजा ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि –
“घर की रसोई ही सबसे बड़ा दवाईखाना है। हरी सब्ज़ियां, दालें, अनाज, दूध और मौसमी फल हमारे बच्चों और परिवार के लिए सर्वोत्तम पोषण स्रोत हैं। हमें फास्ट फूड की बजाय स्थानीय व पारंपरिक भोजन पर ध्यान देना चाहिए।”

क्यों मनाया जाता है पोषण माह?

भारत सरकार हर वर्ष सितंबर माह को “राष्ट्रीय पोषण माह” (Rashtriya Poshan Maah) के रूप में मनाती है। इसका उद्देश्य लोगों को कुपोषण से मुक्ति दिलाना, जागरूकता फैलाना और स्वस्थ भारत का निर्माण करना है।
• देश में आज भी अनेक बच्चे और महिलाएं एनीमिया व कुपोषण से पीड़ित हैं।
• पोषण माह के माध्यम से समाज को बताया जाता है कि सही खान-पान, स्वच्छता और समय पर टीकाकरण से इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
• इसमें आंगनवाड़ी केंद्रों, स्कूलों, पंचायतों और सामाजिक संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी रहती है।

पोषण अभियान (Poshan Abhiyaan) क्या है?

प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2018 में शुरू किया गया “पोषण अभियान” (National Nutrition Mission) भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है।
• इसका लक्ष्य वर्ष 2022 तक भारत को कुपोषण मुक्त बनाना रखा गया था, जिसे आगे बढ़ाते हुए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
• इस अभियान के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, किशोरियों और बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने पर ज़ोर दिया जाता है।
• टेक्नोलॉजी आधारित मॉनिटरिंग, जन-जागरूकता गतिविधियाँ, और सामुदायिक भागीदारी इस अभियान के प्रमुख अंग हैं।
• इसे “POSHAN Abhiyaan – PM’s Overarching Scheme for Holistic Nourishment” भी कहा जाता है।

निष्कर्ष

परदूनी आंगनवाड़ी केंद्र में आयोजित यह शिविर लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी रहा। इस दौरान उपस्थित महिलाओं व बच्चों ने पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्यवर्धक आदतों और स्वच्छता को अपनाने का संकल्प लिया।