हिमाचल में पंचायती राज चुनाव के लिए आरक्षण रोस्टर इसी महीने तय हो जाएगा। राज्य सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को 25 सितंबर की डेडलाइन दे रखी है।
इसके बाद मामला सचिव पंचायती राज के पास आएगा और फिर नोटिफिकेशन शिमला से होगी। पंचायती राज चुनाव 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच में पूरे करवाए जाने हैं।
राज्य सरकार से डेडलाइन जारी होने के बाद अब जिलों में उपायुक्तों ने जनसंख्या के डाटा की वेरिफिकेशन शुरू कर दी है। आरक्षण रोस्टर को लेकर राज्य सरकार ने यह फैसला भी किया है कि इस बार वर्ष 2010-11 वाला आरक्षण लगेगा। यानी जो रोस्टर अभी चल रहा था, उसमें पहली स्टेज वाला आरक्षण लागू होने जा रहा है। हिमाचल में इस समय पंचायतों के अलावा 91 पंचायत समिति और करीब 250 जिला परिषद वार्ड हैं। त्रिस्तरीय चुनावी प्रणाली के कारण ये चुनाव बैलेट पेपर से करवाना पड़ता है।
इस बार भी इस चुनाव के लिए 2011 की जनगणना को ही आधार लिया जाएगा। सिर्फ ओबीसी के आरक्षण के लिए 90 के दशक में हुए सर्वे का डाटा लेने को कहा गया है। हिमाचल हाई कोर्ट ने एक केस में यह निर्देश दिए थे कि आरक्षण रोस्टर पंचायत चुनाव होने से तीन महीने पहले तक फाइनल होना चाहिए। इसी आधार पर अब राज्य सरकार ने उपायुक्तों को डेडलाइन दी है। इसी के साथ राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर वोटर लिस्ट का काम भी चल रहा है। इसके लिए 30 सितंबर से दो अक्तूबर के बीच में ग्राम सभा का आयोजन करने की निर्देश दिए गए हैं। राज्य में 3577 पंचायतों में चुनाव होने हैं, लेकिन पंचायत सचिव करीब 2100 पंचायतों में ही हैं। इसलिए अतिरिक्त कार्यभार वाली पंचायत में अलग ग्रामसभा करनी पड़ेगी।