पंजाब में बाढ़ से महाविनाश, 1900 से ज्यादा गांव जलमग्न, 43 तक पहुंच गया मौतों का आंकड़ा

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पंजाब में लगातार विकराल हो रही बाढ़ महाविनाश का कारण बन रही है। बाढ़ से 23 जिलों के 1902 गांवों में पानी भर गया है और इससे होने वाली मौतों को आंकड़ा भी 43 तक पहुंच गया है। प्रदेश के 3.84 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। 20972 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। 4.24 लाख एकड़ फसल डूब चुकी है। एनडीआरएफ की 31 व सैन्य और अद्र्धसैनिक बल की 29 टुकडिय़ां राहत कार्यों में जुटी हैं। गांवों में बाढग़्रस्त लोगों और प्रशासन के बीच सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रभावित गांवों में एक-एक गजटेड अफसर नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। प्रभावित लोग इन अधिकारियों के साथ अपनी समस्याएं साझा कर सकेंगे। भाखड़ा डैम से छोड़े गए 85 हजार क्यूसेक पानी में से नंगल डैम से निकलने वाली नंगल हाइडल व श्री आनंदपुर साहिब हाइडल नहर में नौ-नौ हजार, जबकि सतलुज दरिया में 67 हजार क्यूसेक पानी जा रहा है, जिससे हर्षा बेला, पत्ती दुचली, पत्ती टेक सिंह,सैंसोंवाल, एलगरंा, बेला ध्यानी, बेला ध्यानी लोअर, बेला राम गढ़, शिव सिंह बेला, प्लासी, सिंघपुरा, जोहल, तर्फ मजारी, भलाण, कलित्रा, दड़ोली लोअर व दबखेड़ा में खतरा बढ़ गया है। पानी ने लुधियाना में भी असर दिखाना शुरू कर दिया। पहले शनिगांव डूबने के बाद अब सतलुज दरिया के किनारे बसे ससराली कॉलोनी इलाके में बांध कमजोर हो गया है, जिससे प्रशासन सतर्क हो गया है।

बांध को पक्का करने का काम शुरू कर दिया गया है, जबकि पूरे गांव और आसपास के एरिया को खाली करवा दिया गया है। इसी तरह धुस्सी बांध पर भी नजर रखी जा रही है। फिलहाल लुधियाना में अभी किसी बड़े इलाके में पानी नहीं आया है, लेकिन दरिया के आस-पास के गांवों में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने अलर्ट किया हुआ है। उधर, पठानकोट में पहाड़ों का दरकना लगातार जारी है। शाहपुरकंडी डैम साइड जुगियाल-धारकलां रोड पर बारिश की वजह से एक केरू पहाड़ का मलबा गिरने से यातायात ठप हो गया है। वहीं, चक्की खड्ड के पास भी एक पहाड़ दरक खड्ड में गिरा है। उधर, पंजाब सरकार की शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग टालनी पड़ी, क्योंकि मुख्यमंत्री भगवंत मान की तबीयत ठीक नहीं थी। उन्हें तेज बुखार है और वह गुरुवार से ही बीमार चल रहे हैं। इसी वजह से गुरुवार को उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा भी रद्द कर दिया था। उन्हें शुक्रवार शाम को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। बता दें कि पंजाब में 1988 के बाद 37 सालों में पहली बार इतनी भयंकर बाढ़ आई है। अब तक 3.84 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 43 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब एक लाख 71 हजार 819 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान गुरदासपुर (40 हजार 169 हेक्टेयर) में हुआ है। केंद्र सरकार की तीन टीमें नुकसान का जायजा लेने पंजाब पहुंची हैं।