FB पर डॉ. बिंदल की छवि धूमिल करने पर कांग्रेस नेता मोंटी गर्ग को 1.25 करोड़ की मानहानि का नोटिस

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हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नाहन नगर परिषद के पूर्व पार्षद व कांग्रेस नेता कपिल उर्फ मोंटी गर्ग को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि मोंटी गर्ग ने फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठी, भ्रामक और अपमानजनक पोस्ट डालकर डॉ. बिंदल की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचाया।
हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नाहन नगर परिषद के पूर्व पार्षद व कांग्रेस नेता कपिल उर्फ मोंटी गर्ग को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि मोंटी गर्ग ने फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठी, भ्रामक और अपमानजनक पोस्ट डालकर डॉ. बिंदल की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचाया।

डॉ. राजीव बिंदल व कांग्रेस नेता मोंटी गर्ग
नोटिस में बताया गया है कि डॉ. बिंदल जनवरी 2018 से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। वह लगातार दो बार नाहन विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं और इससे पहले तीन बार सोलन से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा वे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं और लंबे समय से सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। वर्तमान में वे हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं।

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कानूनी नोटिस में कहा गया है कि मोंटी गर्ग, जो कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं, ने राजनीतिक मतभेद के चलते डॉ. बिंदल के खिलाफ कई आपत्तिजनक और मानहानि पूर्ण पोस्ट फेसबुक पर कीं। इन पोस्ट्स में डॉ. बिंदल की तस्वीरें लगाकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए और लगातार झूठी कहानियां गढ़ी गईं। नोटिस में यह भी उल्लेख है कि यह सिलसिला उस समय तेज हुआ जब डॉ. बिंदल को हिमाचल भाजपा का अगला अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा चल रही थी। इन पोस्ट्स को कई लोगों ने सच मानते हुए कमेंट किए, जिससे मामला और बिगड़ गया।

डॉ. बिंदल का कहना है कि इन पोस्ट्स ने उनकी छवि को भाजपा हाईकमान, समर्थकों और आम जनता में नुकसान पहुंचाया है। इस क्षति को अपूरणीय बताते हुए उन्होंने इसे 1.25 करोड़ रुपये का आकलन किया है।

नोटिस में मोंटी गर्ग से 15 दिन के भीतर बिना शर्त माफी मांगने और वही माफी अपने फेसबुक, अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व हिमाचल व राष्ट्रीय अखबारों में प्रकाशित करने की मांग की गई है। ऐसा न करने पर अदालत में मुकदमा दायर कर हर्जाना वसूला जाएगा।