हॉकी इंडिया के 100 वर्ष पूर्ण — माजरा हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान में फ्रेंडली मैच का आयोजन

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भारत में हॉकी के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज माजरा हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान में एक फ्रेंडली मैच का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर खिलाड़ियों ने शानदार खेल भावना और टीम स्पिरिट का प्रदर्शन करते हुए दर्शकों का दिल जीत लिया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं में हॉकी के प्रति रुचि और जागरूकता बढ़ाना रहा।

स्थानीय खिलाड़ियों के साथ-साथ क्षेत्र के खेल प्रेमियों ने भी उत्साहपूर्वक इस आयोजन में भाग लिया।
मैच के दौरान खिलाड़ियों ने भारत की हॉकी विरासत को याद करते हुए देश को गौरवान्वित करने वाले दिग्गज खिलाड़ियों को श्रद्धांजलि दी।

हॉकी इंडिया का गौरवशाली इतिहास

भारत में हॉकी का संगठित रूप से संचालन वर्ष 1925 में शुरू हुआ था, जब इंडियन हॉकी फेडरेशन (IHF) की स्थापना की गई।
इसी वर्ष भारत ने पहली बार न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैच खेला।

1928 में एम्स्टर्डम ओलंपिक में भारतीय टीम ने पहली बार हिस्सा लिया और स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
इसके बाद भारतीय हॉकी का स्वर्ण युग शुरू हुआ — 1928 से 1956 तक लगातार छह ओलंपिक में भारत ने स्वर्ण पदक अपने नाम किए।

भारतीय हॉकी ने अब तक कुल 8 ओलंपिक गोल्ड, 1 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज़ मेडल जीते हैं।
दिग्गज खिलाड़ियों जैसे ध्यानचंद, बलबीर सिंह सीनियर, अजित पाल सिंह, डॉ. रूप सिंह, और हाल के समय के मनप्रीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह जैसे खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है।

2009 में हॉकी के प्रशासनिक ढांचे को नया रूप देते हुए हॉकी इंडिया (Hockey India) की स्थापना की गई, जो आज भारत में पुरुष और महिला दोनों वर्गों की राष्ट्रीय हॉकी संस्था है।
2025 में हॉकी इंडिया ने अपने 100 वर्ष पूरे किए — यह भारतीय खेल इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय माना जा रहा है।

स्थानीय आयोजन का महत्व

माजरा हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान में आयोजित यह फ्रेंडली मैच, शताब्दी वर्ष के राष्ट्रीय समारोहों का हिस्सा रहा।
आयोजकों ने बताया कि ऐसे आयोजन न केवल खेल भावना को बढ़ाते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को हॉकी जैसे खेल से जोड़ने में मददगार हैं।

कार्यक्रम के अंत में विजेता टीम को सम्मानित किया गया और सभी खिलाड़ियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
आयोजकों ने संकल्प लिया कि इस तरह के आयोजन नियमित रूप से कराए जाएंगे ताकि क्षेत्रीय स्तर पर हॉकी को और मजबूत आधार मिल सके।