हिमाचल हाईकोर्ट ने सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में सड़क के बीच मौजूद बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मर के कारण

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हिमाचल हाईकोर्ट ने सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में सड़क के बीच मौजूद बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मर के कारण हुई एक युवक की दुखद मौत पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि इस तरह की अनदेखी के चलते एक बेशकीमती जान गई, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सख्त निर्देश दिए कि बिजली बोर्ड और राज्य सरकार पूरे प्रदेश में सड़कों के बीच खड़े बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मरों की संख्या और स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने इस मामले को अत्यंत गंभीर मानते हुए जल्द से जल्द पूरी जानकारी मांगी है। इस जनहित याचिका की अगली सुनवाई 9 सितंबर, 2025 को होगी।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल यह मामला पांवटा साहिब के बद्रीपुर से पुरुवाला तक सड़क चौड़ीकरण परियोजना से जुड़ा है। सड़क को चौड़ा तो कर दिया गया, लेकिन इसके बीच खड़े बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मरों को स्थानांतरित नहीं किया गया। इस लापरवाही के चलते एक रात को युवक की बाइक इन खंभों से टकरा गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना एक पत्र के माध्यम से कोर्ट के संज्ञान में आई, जिसे कोर्ट ने जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई शुरू की।

कोर्ट का सख्त रवैया, नागरिक सुरक्षा पर जोर
हाईकोर्ट के इस हस्तक्षेप से अब पूरे हिमाचल में सड़कों पर खड़े बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मरों की जांच और उनके स्थानांतरण की प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसी लापरवाहियों को अब बख्शा नहीं जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। इस फैसले से आम लोगों की सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक संदेश गया है।
म्मेदारों को जवाब देना होगा। इससे लोगों की सुरक्षा बढ़ेगी।