हिमाचल को 1506.85 करोड़ का नुकसान, मानसून के चलते 161 लोगों की गई जान, 35 अभी भी लापता

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हिमाचल प्रदेश को आपदा में अभी तक 1506.85 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।

रविवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार इतना नुकसान हो चुका है, जिसका आकलन अभी भी जारी है। इस बरसात की वजह से प्रदेश को बड़ा नुकसान हुआ है, जिसका आकलन केंद्रीय टीमों ने भी किया है।

अब देखना यह है कि केंद्र सरकार हिमाचल को क्या मदद देती है। सबसे अधिक नुकसान मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र में हुआ है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अभी भी 197 सडक़ें यातायात के लिए बंद चल रही है, जिनको खोलने का काम चल रहा है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार मानसून में 161 लोग अपनी जान गंवा चुके हंै। मंडी में सबसे ज्यादा 32 लोगों की मौतें हुई है। बिलासपुर में 8, चंबा में 17, हमीरपुर में 10, कांगड़ा में 23, किन्नौर में 10, कुल्लू में 17, लाहुल-स्पीति में 6, शिमला में 12, सिरमौर में 4, सोलन में 11 और ऊना में 11 लोगों की मौतें हुई है।
प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अभी भी 35 लोग लापता चल रहे है। जानकारी के तहत चंबा में 1, कांगड़ा व कुल्लू में 2-2, किन्नौर, लाहुल-स्पीति व शिमला में 1-1 व्यक्ति लापता बताया जा रहा है, जबकि मंडी में 27 लोग लापता है। वहीं प्रदेश में दो नेशनल हाई-वे सहित 197 सडक़ें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद चल रही है। चंबा में एक सडक़ बंद है, जबकि कांगड़ा 12, कुल्लू में 45 सडक़ें व एनएच 305 बंद चल रहा है। स्पीति में 1, मंडी 130 सडक़ें व एनएच-70 मंडी कोटली भी बंद है। शिमला में तीन, सिरमौर में दो सडक़ें, ऊना में चार सडक़ें बाधित हैं। दूसरी ओर प्रदेश में बिजली के 75 ट्रांसफार्मर व जल शक्ति की 97 पेयजल परियोजनाएं अभी तक बाधित हैं।