पांवटा साहिब (सिरमौर):
जिले में ओवरलोड टिप्परों की धरपकड़ के दौरान एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरटीओ की टीम जब शिलाई में एक विधिक शिविर में जा रही थी, उसी दौरान रास्ते में ओवरलोड टिप्परों की चेकिंग की गई। इस दौरान एक टिप्पर (नंबर HR58C 0099) का चालान किया गया, लेकिन कुछ ही दूरी पर उसी नंबर वाला एक और टिप्पर भी पकड़ में आ गया।
जांच को आगे बढ़ाते हुए जब वाहन की तलाशी ली गई, तो उसके अंदर से चार फर्जी नंबर प्लेटें बरामद की गईं। यह देख अधिकारी भी हैरान रह गए। इससे यह साफ हो गया कि यह एक संगठित गिरोह का काम है, जो फर्जी नंबर प्लेटों का इस्तेमाल कर ओवरलोडिंग और दुर्घटनाओं से बचने की साजिश कर रहा है।
यह मामला केवल सिरमौर तक सीमित नहीं है बल्कि इसकी जड़ें हरियाणा तक फैली हुई हैं। इस नेटवर्क की जांच अब और तेज कर दी गई है।
प्रशासन की चेतावनी:
जिला प्रशासन ने कहा है कि सड़क सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में अब एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी भी की जाएगी।
यहाँ एक न्यूज़ हेडलाइन और संक्षिप्त स्क्रिप्ट दी जा रही है, जो सरकार को सवालों के घेरे में लाने के उद्देश्य से बनाई गई है:
सरकार पर सवाल: सड़कों पर दौड़ रहे फर्जी टिप्पर, प्रशासन सो रहा है?
सिरमौर से हरियाणा तक फैला फर्जी टिप्परों का नेटवर्क, एक नंबर… दो गाड़ियां!
ओवरलोडिंग रोकने के तमाम दावे फेल!
जब सड़क सुरक्षा ही नकली नंबर प्लेटों की भेंट चढ़ जाए,
तो सवाल उठना लाज़मी है:
👉 RTO की कार्रवाई से पहले क्यों नहीं हुआ खुलासा?
👉 फर्जी नंबर प्लेटों से चल रही गाड़ियां – हादसों के बाद कौन होगा जिम्मेदार?
📢 जनता पूछ रही है: क्या ऐसे ही चलेगा सिस्टम?