सतौन।गिरीपार क्षेत्र के सबसे बड़े ग्रामीण कस्बे सतौन में अब स्थानीय लोग मिल्क चिलिंग प्लांट स्थापित करने की मांग कर रहे हैं। क्षेत्र के किसानों और दुग्ध उत्पादकों बीजा राम ढुंडू सतौन, धनबीर सिंह अंबोण, लिखी राम सडियार,माता राम भजोन, राजेन्द्र सिंह चांदनी, सुखदेव कोटगा,नरेश चौहान पोका, गुमान सिंह बडवास आदि का कहना है कि सतौन और इसके आस-पास के गांवों में प्रतिदिन बड़ी मात्रा में दूध का उत्पादन होता है, लेकिन उचित भंडारण और प्रसंस्करण सुविधा न होने के कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
वर्तमान में दुग्ध उत्पादकों को दूध बेचने के लिए दूर-दराज़ के प्लांटों या निजी ठेकेदारों पर निर्भर रहना पड़ता है। कई बार परिवहन में देरी से दूध खराब हो जाता है और किसानों की मेहनत व्यर्थ चली जाती है। यदि सतौन में मिल्क चिलिंग प्लांट स्थापित होता है तो इससे दूध को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा और स्थानीय किसानों को उचित मूल्य भी मिल पाएगा।
उनका कहना है कि यह सुविधा मिलने से न केवल स्थानीय लोगों की आय बढ़ेगी बल्कि सतौन क्षेत्र डेयरी उत्पादन का हब बनकर उभर सकता है।