रिपोर्टर – विशेष संवाददाता, माजरा | तारीख: 8 अगस्त 2025
माजरा (पांवटा साहिब):
एक तरफ सरकार अवैध खनन पर सख्ती के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर माजरा पंचायत के अंतर्गत चल रहे विभिन्न विकास कार्यों में खुलेआम अवैध रेत, बजरी और पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि इन कार्यों की निगरानी कर रहे पंचायत प्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी और स्थानीय प्रशासन सब कुछ जानकर भी चुप्पी साधे हुए हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पंचायत में हो रहे निर्माण कार्यों — जैसे सड़क निर्माण, सीवरेज लाइन, नालियों और भवन निर्माण — में ठेकेदार बिना किसी वैध रॉयल्टी के अवैध खनिज सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं। न तो सामग्री लाने वाले ट्रकों पर रसीदें हैं और न ही खनन विभाग की अनुमति।
“अगर एक गरीब किसान या मजदूर अपने निजी कार्य के लिए एक ट्रॉली रेत भी लाता है तो उस पर चालान ठोक दिया जाता है। लेकिन सरकारी कार्यों में करोड़ों की चोरी पर कोई सवाल नहीं उठाता,” – एक स्थानीय निवासी ने नाराज़गी जताते हुए कहा।
🔍 प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह के कार्यों से न सिर्फ सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि यह पूरे सिस्टम में भ्रष्टाचार की बू भी पैदा करता है। कई बार शिकायतें देने के बावजूद न तो खनन विभाग, न ही जिला प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई की है।
🗣️ जनता की मांग
स्थानीय ग्रामीणों और जागरूक नागरिकों ने डीसी सिरमौर, खनन विभाग और विधानसभा प्रतिनिधियों से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
✍️ “नियम सब पर बराबर लागू हों – चाहे आम आदमी हो या पंचायत ठेकेदार!” – यही जनता की आवाज है।