बांगरन गाँव में त्रासदी के बाद अब भी दहशत का माहौल

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बांगरन गाँव के ग्रामीण आज भी डर और दहशत के साये में जी रहे हैं। दो दिन पहले आई त्रासदी ने गाँव की शांति को पूरी तरह से हिला दिया। इस घटना में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

ग्रामीणों का कहना है कि इस भयावह स्थिति का मुख्य कारण क्षेत्र में लंबे समय से हो रहा अवैध खनन और स्टोन क्रशर हैं। उनका आरोप है कि दिन-रात चल रहे इन कार्यों ने प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ दिया है और अब इसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

पीड़ित परिवारों ने बताया कि उन्हें मजबूरी में अपने सपनों का घर छोड़कर अस्थायी शरण लेनी पड़ रही है। लोग अपने बच्चों और परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और अब सामान्य जीवन की ओर लौटना उनके लिए बेहद मुश्किल हो गया है।

हालाँकि प्रशासन की ओर से राहत व पुनर्वास कार्य जारी है, लेकिन ग्रामीणों की मांग है कि जब तक अवैध खनन और स्टोन क्रशर पर सख्ती से रोक नहीं लगेगी, तब तक इस तरह की त्रासदियों का खतरा बना रहेगा।

इस बीच, “मेरा गाँव मेरा देश” एक सहारा संस्था और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम ने मौके का निरीक्षण किया। दोनों ही टीमों ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

संस्था के निदेशक डॉ. अनुराग गुप्ता (एडवोकेट) और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संजय कुमार ने ग्रामीणों को डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्हें उपलब्ध होने वाली निःशुल्क विधिक सहायता (Free Legal Aid) के बारे में भी जागरूक किया।