पांवटा साहिब। आज यमुना घाट पर छठ पूजा का नज़ारा देखते ही बनता था। सुबह से ही घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सज-धजकर पूजा सामग्री के साथ यमुना नदी के तट पर पहुंचीं और पूरे विधि-विधान के साथ सूर्य देव की आराधना की। चारों ओर “छठ मइया के जयकारे”, “केलवा जे पियरी चढ़इबो” जैसे भक्ति गीतों की गूंज से वातावरण भक्तिमय बन गया।
छठ व्रतियों ने नदियों और तालाबों में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और परिवार की सुख-शांति, समृद्धि तथा संतान की लंबी आयु की कामना की। महिलाएं अपने सिर पर पूजा का डाला लेकर खड़ी थीं, जिसमें ठेकुआ, फल, नारियल और दीप रखे गए थे।
कार्यक्रम के दौरान स्थानीय प्रशासन, पुलिस विभाग और सामाजिक संस्थाओं ने सुरक्षा, साफ-सफाई और व्यवस्था की उत्कृष्ट तैयारी की। घाट पर बनाए गए विशेष पंडालों और रोशनी की सजावट से पूरा वातावरण आलोकित हो उठा।
छठ महापर्व के इस पावन अवसर पर पांवटा साहिब का यमुना घाट भक्ति, आस्था और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया। लोगों ने एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दीं और सूर्य देव से जीवन में उजाला और खुशहाली की कामना की।


















































