पांवटा साहिब में “हार” के डर से पार्षद वार्ड बदलने की फ़िराक़ में

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पांवटा साहिब की राजनीति में यह पोस्टर चर्चा का विषय बना

विकास की बजाय वार्ड बदलने में जुटे जनप्रतिनिधि!

पांवटा साहिब: नगर पालिका चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, राजनीतिक हलचल भी तेज़ हो रही है। कई मौजूदा पार्षद अब अपने पुराने वार्ड को छोड़कर नए वार्ड से चुनाव लड़ने की रणनीति बना रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो जो पार्षद अपने कार्यकाल में विकास कार्यों को पूरा नहीं कर पाए, या जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके, उन्हें अब अपनी हार का डर सता रहा है। ऐसे में कुछ जनप्रतिनिधि ऐसे वार्ड की तलाश में हैं जहाँ विरोध कम हो और जीत की संभावना ज़्यादा।

जनता इस स्थिति से नाराज़ नज़र आ रही है। लोगों का सवाल है—

“जब पांच साल तक वार्ड की सुध नहीं ली गई, तो अब चुनाव से पहले उसे छोड़ने की क्या मजबूरी है?”
“क्या वार्ड बदलने से ज़िम्मेदारी भी बदल जाएगी?”
“क्या पार्षद अब जनता की सेवा से भाग रहे हैं?”

पार्षदों की यह रणनीति इस बात की ओर इशारा करती है कि कुछ जनप्रतिनिधि जनता की सेवा नहीं, बल्कि कुर्सी बचाने के लिए राजनीति कर रहे हैं।

हालांकि, इस बार जनता पहले से ज़्यादा जागरूक और मुद्दों पर वोट देने के मूड में दिख रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वार्ड बदलने वाले पार्षदों की रणनीति कितनी सफल होती है।