राज्य निर्वाचन आयोग अगस्त के पहले सप्ताह से शुरू करेगा काम, इसी साल होंगे दोनों चुनाव
शहरी निकायों के आरक्षण रोस्टर का मामला अभी बेशक हिमाचल सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग में उलझा हुआ हो, लेकिन पंचायती राज और शहरी निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची पर काम शुरू होने वाला है।
राज्य निर्वाचन आयोग अगस्त महीने के पहले सप्ताह से ही मतदाता सूचियां के ड्राफ्ट पर काम शुरू कर रहा है। ये मतदाता सूचियां सभी 3572 ग्राम पंचायतों और 73 शहरी निकायों के लिए बनेंगी। पंचायत में बीडीओ और पंचायत सचिव जबकि शहरी निकायों में संबंधित उपमंडल के एसडीएम इस प्रक्रिया को पूरी करवाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी है कि चुनाव आयोग द्वारा अपडेट की गई मतदाता सूची को लेकर अपने सॉफ्टवेयर के जरिए पंचायत और शहरी निकायों को भेजा जाएगा। यहां एसडीएम और पंचायत सचिव अपने वार्ड के हिसाब से वोटर लिस्ट बनाकर ड्रॉफ्ट तैयार करेंगे। वहीं, पंचायत में चुनाव बैलेट पेपर और शहरी निकाय में चुनाव ईवीएम से होगा।
91 विकास खंड, 3572 पंचायतें
प्रदेश में वर्तमान में जिला परिषद के कुल वार्डों की संख्या 250 है। इसके अलावा, दस नए विकास खंड बनने से अब प्रदेश में विकास खंडों की कुल संख्या 91 हो गई है। प्रदेश में कुल पंचायतों की संख्या 3615 थी, जिसमें 43 पंचायतें शहरी निकायों में शामिल की गई हैं। इसके बाद अब पंचायतों की संख्या घटकर 3572 रह गई है। वर्तमान सरकार के समय शहरी निकायों की संख्या में एकदम वृद्धि हुई है और अब ये करीब 50 से बढक़र 73 हो गए हैं।
वोटर लिस्ट और नामांकन प्रक्रिया बदली
हिमाचल में पंचायती राज विभाग द्वारा नोटिफाई किए गए नए नियमों को मई 2025 से लागू कर दिया है। अब परिसीमन, वोटर लिस्ट और नॉमिनेशन से लेकर नाम वापसी तक की प्रक्रिया में बदलाव हुआ है। अब इलेक्शन प्रोग्राम नोटिफाई होने के बाद कोई नाम वोटर लिस्ट में ऐड नहीं होगा। पहले वोटिंग से दस दिन पहले तक वोट बन जाता था। नाम वापसी को लेकर भी एक बदलाव यह है कि चुनाव की प्रक्रिया से तीसरे और चौथे दिन तक नाम वापस लिया जा सकता है। इलेक्शन प्रोग्राम जारी होने के बजाय राज्य चुनाव आयुक्त द्वारा बताई गई डेट को फाइनल माना जाएगा। नॉमिनेशन में एक प्रपोजर एक ही कैंडिडेट का नाम एक पद के लिए प्रस्तावित कर सकता है। दिया गया प्रोपोजल वापस या रद्द नहीं होगा।