पांवटा साहिब: तहसीलदार ऋषभ शर्मा पर द ग्रेट खली ने फिर लगाए गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप, लोगों के रिएक्शन शुरू
पांवटा साहिब उपमंडल के तहसीलदार ऋषभ शर्मा एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। शुक्रवार शाम पांवटा साहिब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंतरराष्ट्रीय पहलवान द ग्रेट खली (दिलीप राणा) ने तहसीलदार ऋषभ शर्मा पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। खली ने कहा कि “अब ऋषभ शर्मा के पाप का घड़ा भर चुका है” और जल्द ही सच्चाई सबके सामने आएगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद तहसीलदार के खिलाफ अन्य लोगों के भी बयान सामने आने लगे हैं। खली ने आरोप लगाया कि तहसीलदार ने पांवटा साहिब में दलाली का एक नया तरीका शुरू कर रखा था। उनका कहना है कि शिकायत लेकर आने वाले लोगों से कहा जाता था कि “जाकर पापा से मिल लो।” शुरुआत में इस बात का अर्थ समझ में नहीं आया, लेकिन बाद में पता चला कि जो लोग तहसीलदार के पिता से मिल लेते थे, उनके दस्तावेज़ और रजिस्ट्री बिना रुकावट हो जाती थी, जबकि अन्य लोगों के कागजातों पर आपत्तियां लगा दी जाती थीं।
खली ने यह भी आरोप लगाया कि लोकल होने के बावजूद तहसीलदार तहसील में दबंगई कर रहे थे और लोगों की जानकारी के बिना उनकी जमीन की ततीमे काटकर प्रॉपर्टी डीलरों को सौंप दी जाती थीं।
एक दर्जन से अधिक लोगों ने लगाए आरोप
खली के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद करीब एक दर्जन से अधिक लोगों ने भी तहसीलदार ऋषभ शर्मा पर जमीन से जुड़े दस्तावेजों में हेराफेरी के आरोप लगाए। आरोप लगाने वालों में बलविंदर कौर (भाटावाली), गुरदीप सिंह (सुरजपुर), जसवीर कौर (सुरजपुर), परमजीत कौर (सुरजपुर) और पवन कुमार (पुरुवाला) शामिल हैं। सभी ने अपने-अपने मामलों में गंभीर अनियमितताओं की बात कही।
‘50 हजार और एक दुकान की मांग’ का आरोप
मिश्रवाला निवासी सुदर्शन सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि कोर्ट के आदेश के बाद जब वह अपनी जमीन का कब्जा लेने तहसीलदार के पास पहुंचे, तो उनसे 50 हजार रुपये की मांग की गई। सुदर्शन सिंह का कहना है कि उन्होंने यह राशि दे दी, लेकिन न तो उन्हें जमीन का कब्जा मिला और न ही कोई कार्रवाई हुई। आरोप है कि जब उन्होंने पैसे वापस मांगे तो तहसीलदार ने कहा कि “एक दुकान मेरे नाम कर दो, अगले दिन कब्जा दिलवा देंगे।”
‘राजस्व अधिकारी कम, प्रॉपर्टी डीलर ज्यादा’
सुदर्शन सिंह चौहान ने आगे आरोप लगाया कि तहसीलदार ऋषभ शर्मा राजस्व अधिकारी के रूप में कम और प्रॉपर्टी डीलर की तरह ज्यादा काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कई गरीब लोग पटवारखानों, कानूनगो कार्यालयों और तहसील जाने से डरते थे, क्योंकि उन्हें आशंका रहती थी कि कहीं उनसे बदले में उनका घर या जमीन न मांग ली जाए।
जमीन हड़पने की कोशिश का आरोप
द ग्रेट खली ने कहा कि ऐसे अधिकारी देवभूमि हिमाचल की छवि को देशभर में बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी अपनी जमीन को भी हड़पने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वे किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देंगे। खली ने कहा कि इसके लिए चाहे उन्हें कितनी ही लंबी और बड़ी कानूनी लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े, वे पीछे नहीं हटेंगे।
फिलहाल, इन सभी आरोपों पर तहसीलदार ऋषभ शर्मा की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। प्रशासन और सरकार की ओर से मामले में क्या कार्रवाई होती है, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।


















































