भारतीय किसान यूनियन हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार द्वारा कृषि ट्यूबवेल कनेक्शनों की बिजली दरों में मनमाने और कई गुना बढ़ोतरी के फैसले का कड़ा विरोध करती है और उसकी निंदा करती है।
यह अपने आप में पहला ऐसा फैसला है, जिसे किसी भी कांग्रेस या गैर-भाजपा शासित राज्य ने लिया है, जबकि इन सभी राज्यों ने किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में किसानों के हितों और विरोध का समर्थन किया था।
यहां तक कि वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार भी किसानों की सहानुभूति और उनके हितों के लिए काम करने के वादों के बल पर सत्ता में आई थी, लेकिन अब तक किसानों को दी गई गारंटी के अनुरूप कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है। अब यह कई गुना बढ़ोतरी निश्चित रूप से हिमाचल प्रदेश के किसानों, खासकर मैदानी क्षेत्रों के उन किसानों को गहरा झटका देगी, जिन्होंने पुराने नहर तंत्र के मरम्मत के अभाव में भारी खर्च कर बोरवेल लगवाए हैं ताकि पानी की कमी से निपटा जा सके।
भारतीय किसान यूनियन इस बढ़ोतरी का डटकर विरोध करेगी और जब तक यह बढ़ोतरी वापस नहीं ली जाती, तब तक बिजली विभाग को अपने खेतों में मीटर रीडिंग के लिए प्रवेश नहीं करने देगी।
साथ ही, हम मुख्यमंत्री से भी अनुरोध करते हैं कि वे इस बढ़ोतरी के नोटिफिकेशन पर पुनर्विचार करें और इसे वापस लें। हमारी केंद्रीय नेतृत्व श्री राकेश टिकैत जी को इस स्थिति से अवगत करा दिया गया है और वे कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व, विशेष रूप से श्री राहुल गांधी से इस विषय पर बात करेंगे, क्योंकि यह कार्रवाई उनकी कृषि नीति और वादों के खिलाफ है।
जारीकर्ता:
अनिंदर सिंह पंधेर (नॉटी)
अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन हिमाचल प्रदेश
गुरजीत सिंह सैनी महासचिव
चरणजीत सिंह जैलदार उपाध्यक्ष
जसबिंदर बिलिंग ब्लॉक अध्यक्ष