जगाधरी–पांवटा साहिब रेललाइन पर फिर लगा ब्रेक

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कम ट्रैफिक के कारण परियोजना को फिलहाल मंज़ूरी नहीं

नाहन।
जगाधरी–पांवटा साहिब प्रस्तावित रेललाइन परियोजना एक बार फिर अटक गई है। संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि सर्वे रिपोर्ट में इस रूट पर ट्रैफिक कम पाए जाने के कारण फिलहाल नई रेललाइन को आगे बढ़ाने की संभावना नहीं है।

हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला सिरमौर के पांवटा साहिब क्षेत्र को हरियाणा के जगाधरी से जोड़ने वाली इस रेललाइन को लेकर लंबे समय से स्थानीय लोगों और उद्योगपतियों में उम्मीदें बनी हुई थीं। हालांकि, रेलवे द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार इस रूट पर यात्रियों और माल परिवहन की संभावित संख्या अपेक्षा से कम पाई गई है।

रेल मंत्री ने बताया कि किसी भी नई रेल परियोजना को स्वीकृति देते समय ट्रैफिक की संभावनाओं, वित्तीय व्यवहार्यता और मौजूदा रेलवे नेटवर्क पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन किया जाता है। वर्तमान स्थिति में जगाधरी–पांवटा साहिब रेललाइन इन मानकों पर खरी नहीं उतर पा रही है।

स्थानीय लोगों की उम्मीदों पर फिर पानी

आजादी के बाद से सिरमौर जिले के अधिकांश क्षेत्र रेलवे नेटवर्क से वंचित हैं। कालाअंब और पांवटा साहिब जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को रेल से जोड़ने की मांग लंबे समय से उठती रही है। स्थानीय लोगों और उद्यमियों का मानना है कि रेललाइन बनने से क्षेत्र के उद्योगों को बड़ा लाभ मिलेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

चार हजार तक उद्योग स्थापित

कालाअंब और पांवटा साहिब औद्योगिक क्षेत्रों में करीब तीन से चार हजार छोटे, मध्यम और बड़े उद्योग स्थापित हैं। इन उद्योगों से तैयार होने वाला कच्चा माल और उत्पाद देश के विभिन्न राज्यों में भेजा जाता है, जिसमें रेल परिवहन अहम भूमिका निभा सकता है। बावजूद इसके, सर्वे रिपोर्ट में कम ट्रैफिक का आकलन परियोजना के आड़े आ गया है।

मांगें जारी

स्थानीय संगठनों और उद्योग प्रतिनिधियों ने एक बार फिर रेल मंत्रालय से मांग की है कि भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस रेललाइन पर पुनर्विचार किया जाए, ताकि सिरमौर जिले का औद्योगिक और आर्थिक विकास और गति पकड़ सके।