चुनाव की तैयारियां तेज, पंचायतों और नगर पालिकाओं की संरचना, वर्गीकरण और क्षेत्र में परिवर्तन पर रोक

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राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के खंड को पूरे प्रदेश में लागू करते हुए चुनाव प्रक्रिया समाप्त नहीं होने तक पंचायतों और नगर पालिकाओं की संरचना, वर्गीकरण या क्षेत्र में परिवर्तन पर रोक लगा दी है।

हिमाचल प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के खंड को पूरे प्रदेश में लागू करते हुए चुनाव प्रक्रिया समाप्त नहीं होने तक पंचायतों और नगर पालिकाओं की संरचना, वर्गीकरण या क्षेत्र में परिवर्तन पर रोक लगा दी है। इस संबंध में आयोग की ओर से सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब सरकार पंचायतों का पुनर्गठन नहीं कर सकेगी। सभी विभागों और प्रशासनिक अधिकारियों को आदेशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। आदर्श चुनाव आचार संहिता चुनाव का शेड्यूल जारी होने के बाद लागू होगी।

*परिसीमन का काम पूरा*

चुनाव आयोग के अनुसार पंचायती राज संस्थाओं का परिसीमन 3,577 ग्राम पंचायतों, 90 पंचायत समितियों, 11 जिला परिषदों और 71 शहरी स्थानीय निकायों के संबंध में पूरा हो चुका है और अंतिम रूप से अधिसूचित हो चुका है। इसी तरह 3,548 ग्राम पंचायतों और 70 शहरी स्थानीय निकायों की मतदाता सूचियां कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए अंतिम रूप से तैयार कर ली गई हैं और 29 ग्राम पंचायतों और एक शहरी स्थानीय निकाय की मतदाता सूचियों को क्रमशः 12 दिसंबर और 7 दिसंबर को अंतिम रूप दिया जाना है। जबकि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष अनुमति याचिका संख्या 22468, 22469/2024 में स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि सांविधानिक योजना यह अनिवार्य करती है कि चुनाव प्रक्रिया भारत के संविधान के अनुच्छेद 243ई(1) और 243(यू) के तहत परिकल्पित पांच वर्ष की अवधि की समाप्ति से छह महीने पहले शुरू होनी चाहिए।

जानिए कब पूरा हो रहा पंचायतों, स्थानीय निकायों का कार्यकाल

वहीं राज्य चुनाव आयोग ने मई, 4 जुलाई और 28 जुलाई के पत्रों के माध्यम से प्रदेश सरकार को सूचित किया था कि वार्डों के परिसीमन की अंतिम अधिसूचना जारी होने के बाद शहरी स्थानीय निकायों की सीमाएं स्थिर हो जाएंगी। पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 31 जनवरी को पूरा होने जा रहा है। वहीं 50 शहरी स्थानीय निकायों का कार्यकाल 18 जनवरी व 4 नगर निगमों(धर्मशाला, पालमपुर, मंडी, सोलन) के 13 अप्रैल को पूरा होगा। चूंकि पंचायतीराज संस्थाओं के गठन के लिए शेष समय 75 दिन से कम है और अधिकांश शहरी स्थानीय निकायों के लिए लगभग 60 दिन है। इसलिए अब चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं होने तक पंचायतों और नगर पालिकाओं की संरचना, वर्गीकरण या क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। इस संबंध में सचिव राज्य चुनाव आयोग सुरजीत सिंह राठौर ने अधिसूचना जारी की है।