*केद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के दवा उद्योगों में निर्मित 11 दवाएं गुणवता मानकों पर खरा नहीं उतर पाई है।*
*इन दवाओं में टाइप-2 डायबिटी, उच्च रक्तचाप, जीवाणु संक्रमण ,अल्सर, पेट में कीड़े के उपचार सहित विटामिन की कमी के उपचार की दवाएं शामिल हैं।*
सब स्टैंडर्ड पाई गई दवाओं इन दवाओं का निर्माण बद्दी, बरोटीवाला, कालाअंब, पांवटा साहिब व संसारपुर टैरस स्थित इकाइयों में हुआ है। इसके अलावा उतराखंड़, बंगलादेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, सिक्किम, आंध्रा प्रदेश , मध्य पद्रेश, हरियाणा के दवा उद्योगों में निर्मित 48 तरह की दवाएं भी सब-स्टैंडर्ड पाई गई है। बतातें चलें कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने दिसंबर माह में देश के अलग-अलग राज्यों से 1251 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिनमें से जांच के दौरान 59 दवाएं सब-स्टैंडर्ड पाई गई है, जबकि 1192 दवाएं गुणवता के पैमाने पर सही निकली है।
राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने सीडीएससीओ द्वारा जारी फरवरी माह के ड्रग अलर्ट के आधार पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सबंधित दवा कंपनियों को कारण बताओं नोटिस जारी कर हुए सबंधित दवा उत्पादों का पुरा बैच तत्काल बाजार से हटाने के आदेश जारी कर दिए है। यहां उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण व सीडीएससीओ की संयुक्त टीम ने भी केंद्र सरकार के निर्देश पर हिमाचल के तीन दर्जन से ज्यादा उद्योगों का निरिक्षण कर सैंपल जुटाए थे, जिसमें मानकों की अवहेलना पर सात दवा उद्योगों में दवा उत्पादन पर रोक भी लगा दी गई थी। फरवरी माह के ड्रग अर्लट में हिमाचल प्रदेश में निर्मित 11 दवाएं सबस्टेंडर्ड पाई गई हैं। जबकि उतराखंड़ में निर्मित 15 दवाएं सबस्टेंडड पाई गई इन दवाओं के सैंपल ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट व सीडीएससीओ ने जांच के लिए जुटाए थे।
दवा कंपनियों को नोटिस, स्टॉक वापस मंगवाने के निर्देश
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि सीडीएससीओ दवारा जारी फरवरी माह के ड्रग अलर्ट में शामिल सभी सबंधित दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्टाक वापस मंगवाने के निर्देश दे दिए गए है । इसके अलावा जिन उद्योगों के बार-बार सैंपल फेल हो रहे हंै , उन इकाइयों का निरिक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।