साढ़े पांच लाख बच्चों की वर्दी* *अभिभावक, एसएमसी करेगी तय
इसी सप्ताह स्कूलों में बुलाई जाएगी पीटीएम की बैठक
राज्य के सरकारी स्कूलों में नया सैशन शुरू हो चुका है। प्रदेश के स्कूलों में साढ़े पांच लाख बच्चे पंसद की वर्दियां पहनेंगे। इसी सप्ता स्कूलों में पीटीएम की बैठकें होंगी जिसमें अभिभावक, एसएमसी तय करेगे कि बच्चों को कौन से रंग की वर्दी सिलेक्ट किए जाए।*
प्रदेश सरकार की ये मुहिम इसलिए है ताकि प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर बच्चों को लाया जा सके। इसके साथ ही उनका आत्मविश्वास मजबूत हो सके। लड़कियों के लिए सलवार-कमीज या स्कर्ट-शर्ट में एक ड्रेस चुनने का विकल्प भी स्कूलों को दिया गया है। सरकार पूर्व की तरह पहली से आठवीं कक्षा की सभी लड़कियों को और आरक्षित वर्ग के लडक़ों को वर्दी खरीद के लिए 600 रुपये बैंक खातों में देती रहेगी।
अगर स्कूल चाहेंगे तो एसएमसी फंड से वर्दी में और सुधार लाने के लिए अपनी ओर से और धनराशि भी विद्यार्थियों को दे सकेंगे। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक पढऩे वाले 5.25 लाख विद्यार्थियों को वर्दी का पैसा सरकार की ओर से दिया जाता है। नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को वर्दी खुद खरीदनी पड़ती है। ऐसे में इस साल से ये नई व्यवस्था लागू की गई है।
खुद सिलवानी होगी वर्दी
शिक्षा विभाग इस साल से केवल वर्दी का पैसा ही छात्रों के खाते में डालेगा। सिलाई का खर्चा अभिभावकों को खुद वहन करना होगा। प्रदेश सरकार के इस फैसले की अभिभावक काफी सराहना कर रहे हैं। उनका कहना है कि वर्दी का विकल्प चुनने का अधिकार स्कूलों का है। इससे बच्चों का कांफिडेंस लेवल ाी बढ़ता है। इसके साथ प्रावइेट स्कूलों और सरकारी स्कूलों के फर्क को दूर करने का ये फैसला सही है।