मां यमुना नदी पर दुर्घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही ओर सरकार व प्रशासन सुरक्षित नहीं कर पा रही है इस धार्मिक स्थल को

जिला सिरमौर की पतित पावनी मां यमुना नदी अपनी आस्था और विश्वास के लिए विश्व विख्यात है जहां पर हर दिन देश व विदेश से श्रृद्धालुओं की भरमार रहती है और जिस पतीत पावनी मां यमुना के तट के समीप एक सुन्दर व भव्य गुरूद्वारा भी बना हुआ है जो हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक गुरुद्वारा कहलाया जाता है जहां हजारों श्रद्धालु माथा टेकने के उपरांत मां यमुना के तट पर स्नान करने के अवश्य आते हैं जहां पर मां यमुना ओर गुरूद्वारा का अपना एक प्राचीन इतिहास भी दोहराया जाता है आज उसी मा यमुना के तट पर पिछले कई वर्षों से अनेकों दुर्घटनाएं घट चुकी है जिसमें लगभग 100से अधिक श्रद्धालुओं ने अपनी जान भी गवाई है जो कि विभिन्न प्रान्तों से आए और मां यमुना नदी के तट पर नहाते हुए अपनी जान गवाह बैठे हैं कदाचित अगर समय रहते वहां पर सुरक्षा के तमाम इंतजाम होते तो शायद ही इतनी दुर्घटनाएं मां यमुना के तट पर नहाते हुए होती जबकि पिछले कल ही उत्तर प्रदेश के युवक की भी जान चली गई जो कि घर से एकलौता वारिस था और काफी समय से पांवटा साहिब में पांवटा साहिब के प्रसिद्ध गुरूद्वारा में लाईटीग का काम करता था और इस प्रकार आज से पूर्व भी अनेकों ऐसी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी है जो बहुत ही दुखद है और चिन्ता का विषय बना हुआ है आज मां यमुना नदी के तट को सुरक्षित करने की परम् आवश्यकता है और जिसमें आज हम सभी को अपने अपने माध्यम से आवाज बुलंद भी करनी चाहिए ताकि भविष्य में फिर से इस तरह की घटनाएं हम सभी के किसी परिवारों के ऊपर ना घटे ओर इस धार्मिक स्थल पर ना हो आज पुनः हिमाचल प्रदेश की सरकार ओर जिला प्रशासन से भी निवेदन ओर आग्रह रहेगा की सिरमौर की पतित पावनी मां यमुना नदी के तट को सुरक्षित करने में जल्द से जल्द कोई सकारात्मक क़दम उठाए जाएं और स्थानीय विधायक और जिला सिरमौर से ही सम्बन्धित हिमाचल प्रदेश सरकार में माननीय उद्योग ओर संसदीय आयुष मंत्री जी से भी निवेदन है कि आप जिला प्रशासन को आदेश करने की अनुकम्पा करें ताकि ये धार्मिक स्थल भविष्य में काफी हद तक सुरक्षित हो पाए और साथ ही सभी राजनीतिक दलों से भी निवेदन रहेगा की हम सभी मां यमुना नदी को सुरक्षित करने में अपनी अहम भूमिका निभाएं ऐसा आज लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मिडिया के माध्यम से निवेदन ओर आशा रहेगी कि इस धार्मिक स्थल को मां गंगा जी के तर्ज पर सुरक्षित करने की परम् आवश्यकता है ताकि भविष्य में आम जनता ओर श्रृद्धालुओं के अन्दर यहां डर का माहौल स्थापित ना हो अगर सरकार ओर प्रशासन अब भी समय रहते इस तट को सुरक्षित करने में दिलचस्पी दिखाती है और जनता की आवाज को सर्वोपरि मानती है तो निश्चित रूप से इस तीर्थ स्थल में श्रृद्धालुओं की आस्था और विश्वास बढ़ता जाएगा और यह धार्मिक स्थल पर्यटन के क्षेत्र में भी विख्यात होगा अगर सरकार व प्रशासन इस स्थल को ओर विकसित और सुविधाएं प्रदान करतीं हैं तो…
लेखक- हेमराज राणा सिरमौर

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