पांवटा साहिब
बता दें कि पांवटा साहिब में आए दिन चोरियों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है इसका जिम्मेदार कौन है आखिर पोंटा साहिब में इतना नशा कहां से आ रहा है और पुलिस को पता क्यों नहीं चल रहा। पुलिस छोटे-मोटे नशा तस्करों पर कार्रवाई कर सुर्खियों में आ जाती है उसके बाद बड़े नशा तस्कर खुलकर काम कर रहे हैं जिससे पांवटा साहिब के तकरीबन बच्चे नशे की लत में पड़े हुए हैं।
चोरी हुई ज्वेलरी आखिर जाति कहां है।
बता दें कि पोंटा साहिब में जो चोरी हुए गहने बिकते हैं उन्हें कुछ ज्वैलर खरीद लेते हैं जो कि बिल्कुल कम दाम में खरीद लेते हैं और बाद में लोगों से कहा जाता है कि मेरे पैसे दो मैं तुम्हें दूसरा बना कर दे दूंगा।
ऐसा ही मामला पांवटा साहिब के किशनपुरा से सामने आया है जिसमें एक महिला का बेटा और एक उसी गांव का लड़का शामिल है जिन्होंने घर से हार चुराया और पांवटा साहिब के धीर ज्वैलर को बेच दिया महिला का कहना है कि हार 1.30 से 2 तोले का था। जो कि महिला के मां बाप ने 20 से 21 साल पहले उसको शादी में डाला था। जिस ज्वैलर ने उस हार को खरीदा है उसने उन लड़कों से कुछ नहीं मांगा सिवाय एक आधार कार्ड के जबकि महिला चीख चीख कर कह रही है कि हार मेरा है अपनी फोटो भी दिखा दी पर ज्वैलर कहता है कि मेरे 45000 में दूसरा हार बना कर दूंगा वह हार तो मैंने तोड़ दिय।
महिला किशनपुरा से रहने वाली है पति का साया सिर पर नहीं एक बेटी की शादी करनी है जो गले का हार था वह भी चला गया महिला पुलिस के चक्कर काट रही है पर ना तो कोई कार्यवाही ना ही कोई एफ आई आर।
महिला का कहना है कि मुझे मेरा हार चाहिए चाहे मेरे बेटे को अंदर करो जो उसके साथ है उसको भी जेल में दो पर क्या वह दोनों ही विक्टिम है इसमें जो जवेलर है उसका कोई रोल नहीं है।
अब देखना यह की खबर प्रकाशन के बाद पुलिस कार्रवाई करती है या फिर ज्वैलर को बचाने में लगी रहती है।
आखिर 20 से 25 दिन में f.i.r. क्यों नहीं हुई जब महिला ने लिखित शिकायत थाने में दी उसके बाद आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई महिला ने कहा कि जब भी मैं फोन करती हूं तो मुझे थाने में बुला लेते हैं और बिठाकर रखते हैं शाम को घर भेज देते हैं मैं फैक्ट्री में भी जॉब करती हूं यहां से मेरा घर चल रहा है अगर मैं इसी तरह बार-बार थाने में बैठी रही तो मैं कहां से गुजारा करूंगी।
महिला ने बताया कि मैं डी एस पी रमाकांत से भी मिली पर उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
अब सवाल ये कि क्या पौंटा साहिब मैं इंसाफ पाना इतना मुश्किल हो गया है यहां तो वह कहावत सच हो रही है जिसकी लाठी उसकी भैंस।
20 से 25 दिन में भी f.i.r. ना होने का मतलब पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान उठाती है अब देखना यह की महिला को इंसाफ मिलता है या फिर पुलिस उसी लीपापोती में लगी रहती है।