गिरिपार की सैकड़ों पंचायतों के लिए पांवटा में स्थापित हो सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों के लिए आर्मी केंटीन।

आज हम ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा एवं विश्लेषण करना चाहेंगे जिसका सम्बन्ध हर घर और हर व्यक्ति से रहता है।वह सम्बन्ध और सरोकार है देश की सुरक्षा का,जिसकी सुरक्षा करते हैं हमारे देश के बहादुर सैनिक, जिनके बदोलत हमारे देश-प्रदेश की सीमाएं सुरक्षित और हम आप अमन चैन से अपने घरों में अपने आप को महफूज समझते हैं।आज हम उन्हीं वीर सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों की सुविधाओं पर प्रकाश डालने का प्रयास करेंगे।ऐसा ही एक क्षेत्र है जिला सिरमौर के गिरिपार का क्षेत्र। जिस क्षेत्र से देश की रक्षा के खातिर एवं हर घर से सेना में जाने के लिए युवा उत्साहित नज़र आता है, और लगभग प्रत्येक घर से सेना में कार्यरत भी है, इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि गिरिपार के युवाओं का सेना के प्रति कितना आदर सम्मान देखने को मिलता हैं। परन्तु अगर हम सैनिकों की सुविधा की बात करें तो गिरिपार की सैकड़ों पंचायतों का केन्द्र बिन्दु (गुरु की नगरी पांवटा साहिब) में आजादी के इतने दशकों बाद भी आज तक सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों के लिए आर्मी केंटीन नहीं खुल पाईं है। जिसके कारण तमाम सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों को सैकड़ों किलोमीटर दूर नाहन जाना पड़ता है।जिस आर्मी केंटीन से सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों को हर वस्तु उचित मूल्य एवं गुणवत्तापूर्ण प्राप्त होती है,इस प्रकार सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों के परिवारों को विभिन्न प्रकार की खाद सामग्री,अन्य वस्तुएं लेने के लिए समय के अभाव के वावजूद भी मजबूरन नाहन की और रुख़ करना पड़ता है। जबकि इस समस्या एवं गंभीर विषय को समय-समय पर गिरिपार के सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों के द्वारा सम्बंधित विभाग एवं केन्द्र सरकार के समक्ष भी उठाने का प्रयास किया है, तो वहीं गिरिपार के युवाओं एवं लोगों द्वारा भी सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों के लिए आवाज़ बुलंद करने का प्रयास किया है,परन्तु अभी तक इस विषय पर केन्द्र सरकार एवं सम्बंधित विभाग द्वारा कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। जिसका गिरिपार की सैकड़ों पंचायतों के सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों को इन्तजार और खेद भी है। कि हमें कब ये निकटतम सुविधा उपलब्ध होगी, तो वहीं हम सभी युवाओं एवं समाज का भी नैतिक कर्तव्य बनता है कि हम राजनीति से ऊपर उठकर अपने सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों की इस उचित मांग को लोकसभा चुनाव के इस पावन पर्व पर राजनेताओं के समक्ष किसी न किसी रूप से उठाने का मिलकर प्रयास करें, ताकि भविष्य में पांवटा साहिब में भी सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों के लिए आर्मी केंटीन की सुविधा उपलब्ध हो सके। गिरिपार की चार विधानसभा को इसका लाभ प्राप्त होगा अगर केन्द्र सरकार भविष्य में इस क्षेत्र में आर्मी केंटीन खुलवाने का प्रयास करतीं हैं तो, जिसमें जैसे पांवटा साहिब विधानसभा, शिलाई विधानसभा, रेणुका जी विधानसभा, पच्छाद विधानसभा, इसलिए केन्द्र सरकार से भी लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ मिडिया के माध्यम से निवेदन एवं आग्रह रहेगा कि पांवटा साहिब में भी आर्मी केंटीन खुलवाने की अनुशंसा करें। विधित रहे कि यह वही गिरिपार का क्षेत्र है जिस (हल्लहा क्षेत्र) से कारगिल युद्ध में शहीद कल्याण सिंह ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था, तो वहीं पिछले वर्ष ही शिलाई गांव के शहीद प्रमोद नेगी ने देश के दुश्मनों से लोहा लेते हुए भारत माता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।इस प्रकार गिरिपार के अनेकों सैनिकों ने समय-समय पर देश की रक्षा के खातिर शहादत का जाम पिया है।जो हम सभी देश वासियों एवं क्षेत्र वासियों के लिए फक्र का विषय है। इसलिए आज हम सभी क्षेत्र वासियों को भी अपने सैनिकों के प्रति इतना नैतिक कर्तव्य तो बनता ही है,कि हम उनकी आवाज को समय-समय पर सरकार प्रशासन और विभाग तक पहुंचाने का प्रयास करें।
*स्वतन्त्र लेखक-हेमराज राणा सिरमौर*