आज हमारे हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत ही दहनीय बनी हुई है जैसा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री विभिन्न मंचों से सन्देश ओर आवहान कर चुके हैं जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी ने दोहराया है कि पिछली भाजपा सरकार ने 91000 करोड़ रुपए से अधिक की बड़ी देनदारी छोड़ दी है उन्होंने एक जनसभा में बताया कि 75000 करोड से अधिक के ऋण के अलावा पैनशरो ओर सेवारत कर्मचारियों को बकाया भुगतान के संबंध में 10000 करोड से अधिक की देनदारी थी और 6000 करोड़ रुपए से अधिक के अन्य भुगतान लम्बित है तो क्या इसी परिप्रेक्ष्य में हिमाचल प्रदेश की नई सरकार अपनी इच्छा शक्ति के साथ सरकार ओर प्रशासन के (VIP) कल्चर को खत्म करने में क्या कुठाराघात करेंगी जिसमें सचिवालय से लेकर विभिन्न विभागों में अतिरिक्त सुरक्षा,अतिरिक्त सुरक्षा वाहनों और अन्य अनावश्यक क्षेत्र में कटौती करने की इच्छा शक्ति दिखा पाएगी और सरकार में विभिन्न मंत्री और मंत्रालय में अतिरिक्त सुरक्षा और लाव-लश्कर के साथ चलें वाहनों में कटौती हो पाएगी जिसको अगर अमल में लाया जाता है तो आम जनता से लेकर समस्त प्रदेश में एक नई पहल ओर सकारात्मक क़दम नई सरकार की ओर से जाएगा यहां पर हम पंजाब सरकार का उदाहरण देना चाहेंगे जिन्होंने नई सरकार आते ही आर्थिक बोझ से जूझ रहे पंजाब सरकार में ऐसे 184 विशेष व्यक्तित्व तथा पूर्व में रहें मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, वर्तमान लोकसभा सदस्य, प्रशासन के पूर्व अधिकारी, इत्यादि अनेकों ऐसे विशिष्ट व्यक्तियों की अनावश्यक सुरक्षा हटाई है जिनके जारी रहने से पंजाब सरकार के खजाने पर करोड़ों का बोझ पड़ रहा था और उन सभी का आंकलन व विष्लेषण करके पंजाब सरकार ने कदाचित एक ऐतिहासिक निर्णय भी लिया आज वही स्थिति हमारे देव भूमि,वीर भूमि हिमाचल प्रदेश में भी बनी हुई है इसी सन्दर्भ में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी निवेदन ओर आवहान करना चाहेंगे कि हिमाचल में भी इस तरह के कुछ जनहित में अहम फैसले लेने की परम आवश्यकता है ताकि भविष्य में हिमाचल प्रदेश के आर्थिक बोझ को कहीं ना कहीं कम किया जाए ओर आमजनता की योजनाओं और भविष्य में हिमाचल को बुलंदियों पर पहुंचाने में आर्थिक समस्या का सामना न करना पड़े अन्यथा कुछ वर्षों में ही हाल ही के आंकड़ों को देखकर हिमाचल प्रदेश आर्थिक तौर पर दिवालिया घोषित होने में देर नहीं लगेगी, वर्तमान में अगर सरकार अपने स्तर पर अपने आर्थिक खर्चों ओर प्रशासन व विभिन्न विभागों के अनावश्यक सुरक्षा व्यवस्था,अनावश्यक वाहनों का चलन, बड़े बड़े होटलों, का अनावश्यक खर्च में कटौती करती है तो निसंदेह हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति में भविष्य में इस दिशा के अनुरूप बड़े बडे स्तर पर सुधार देखने ओर सुनने को मिलेगा यहां पर एक विशेष तथ्य यह भी हों जाता है कि हिमाचल प्रदेश एक शान्ती प्रिय प्रदेश है इस लिहाज से भी यहा राजनेताओं,सरकार, प्रशासन के लिए अनावश्यक सुरक्षा देना आर्थिक बोझ में एक बहुत बड़ा बोझ दिन-प्रतिदिन पड़ता जा रहा है और वहीं पूर्व में रहें मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री, इत्यादि के सुरक्षा में भी अगर कटोती होती है तो यहां से भी सरकार के खजाने पर बोझ कम ही पड़ेगा इस प्रकार आज आम जनता का एक भाव है कि सरकार आमजनता के साथ एक आम जनमानस की तरह ही पैश आकर ओर नेता ना बनकर जन सेवक की भूमिका में अपनी अहम भूमिका निभाई जाएं और जहां पर जनता का उस जननायक और उस सरकार के प्रति हमेशा एक अटूट विश्वास और उम्मीद हमेशा बनी रहती है जेसा की वर्तमान सरकार ने हर मंचों से दोहराया भी है कि हम सत्ता सुख के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं तो इसी परिप्रेक्ष्य में आम आदमी को नई सरकार से इस तरह के फैसले ओर जनहित में अहम फैसले लेने की अपेक्षाएं भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री और सरकार को भी इस समय इस तरह के अनेकों फैसले लेने की परम आवश्यकता है ताकि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बेहतर किया जाएं और साथ ही आम जनता को भी ऐसे गंभीर और महत्वपूर्ण विषय पर जानकारी होना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है ! स्वतंत्र लेखक- हेमराज राणा